“श्री नारायण उर्फ भुलई भाई, जिनका 111 साल का जीवन राजनीतिक संघर्ष से भरा था, का निधन। जानें उनके योगदान, राजनीतिक यात्रा।“
कुशीनगर । वयोवृद्ध नेता श्री नारायण उर्फ भुलई भाई, जिनकी राजनीति की शुरुआत जनसंघ से हुई, का निधन हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस दुखद समाचार पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उनके स्वर्गवास के साथ ही जिले में जनसंघ की राजनीति का एक स्वर्णिम युग समाप्त हो गया है।
भुलई भाई ने 111 वर्षों का लंबा जीवन जिया और 1967 में एसडीआई की नौकरी छोड़कर हिंदुत्व के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने 1974 में दीपक चुनाव चिन्ह से नौरंगिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दो बार विधायक बने। भुलई भाई ने अपने जीवन में कभी भी अपनी राजनीतिक निष्ठा को नहीं बदला, जो उन्हें एक विशिष्ट नेता बनाती है।
कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर कुशलक्षेम पूछा था। आज, उनका दाह संस्कार छोटी गंडक नदी के किनारे किया जाएगा, जिसमें भाजपा के कई दिग्गज नेता उपस्थित रहेंगे।
भुलई भाई का योगदान भारतीय राजनीति में अद्वितीय रहेगा और वे हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।
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रिपोर्ट – मनोज शुक्ल
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