लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तारीख की घोषणा के बाद से सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में सुलह की कोशिश तेज हो गई है।
पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव और वरिष्ठ नेता आजम खां के बीच करीब 5 घंटे तक बातचीत के बाद भी कोई नतीजा सामने नहीं आ सका।
प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा के मद्देनजर फिलहाल सर्वे में सबसे आगे चल रही सपा के लिये आपसी मतभेद दूर करना जरूरी है, क्योंकि ऐसा नहीं होने से कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति रहेगी कि कौन सा धड़ा असली समाजवादी पार्टी है।
पिछले रविवार को विवादित राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम की जगह अखिलेश को अध्यक्ष बनाये जाने को लेकर सपा में दो फाड़ हो गया । उसके बाद आजम खां ने कल दोनों पक्षों के बीच सुलह की कोशिश की थी।लेकिन वह नाकाम रहीं।
खां ने आज दोबारा प्रयास शुरू किये और सुबह सपा मुखिया और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव से करीब पांच घंटे तक मीटिंग की, उसके बाद खां मुख्यमंत्री से भी उनके आवास पर मिले।
हालांकि, सुलह-समझौते की ये तमाम कोशिशें पर तब पानी फिरते नजर आयीं, जब अखिलेश के हिमायती रामगोपाल यादव ने किसी भी तरह के समझौते से इनकार कर दिया और कहा कि बातचीत की खबरें महज अफवाह हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री अखिलेश ने लखनऊ में एक कार्यक्रम में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में पूछने पर कहा, हम चुनाव में जा रहे हैं, कहां नट-बोल्ट इस्तेमाल करना है, हम जानते हैं, हम इसे ठीक से करेंगे।
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