Sunday , November 24 2024
प्रयागराज छात्र प्रदर्शन, UPPSC विरोध प्रदर्शन, UPPSC अध्यक्ष संजय श्रीनेत विवाद, यूपी पीएससी नॉर्मलाइजेशन, Prayagraj students protest, UPPSC Sanjay Shrinath controversy, छात्र आंदोलन प्रयागराज, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर हिरासत, Sanjay Shrinath funeral protest, प्रयागराज छात्र प्रदर्शन, UPPSC विरोध प्रदर्शन, UPPSC अध्यक्ष संजय श्रीनेत विवाद, यूपी पीएससी नॉर्मलाइजेशन, Prayagraj students protest, UPPSC Sanjay Shrinath controversy, छात्र आंदोलन प्रयागराज, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर हिरासत, Sanjay Shrinath funeral protest,प्रयागराज छात्रों का प्रदर्शन, UPPSC प्रदर्शन, प्रयागराज कैंडल जलाना, 12 छात्रों पर FIR, छात्रों का विरोध, यूपीPSC अध्यक्ष, यूपी छात्र आंदोलन, प्रयागराज खबर, पुलिस FIR छात्र नेताओं पर, Prayagraj student protest, UPPSC protest, Prayagraj candle lighting, FIR against 12 students, students' protest, UPPSC president, UP student movement, Prayagraj news, police FIR against student leaders, प्रयागराज छात्र प्रदर्शन, कैंडल जलाने का विरोध, UPPSC प्रदर्शन FIR, छात्र आंदोलन प्रयागराज, पुलिस कार्रवाई छात्र नेताओं, थाली बजाकर विरोध, लूट सेवा आयोग,Prayagraj student protest, candle lighting protest, UPPSC protest FIR, student movement Prayagraj, police action on student leaders, thali protest, loot service commission,
प्रयागराज छात्र प्रदर्शन

UPPSC के खिलाफ छात्र आंदोलन तेज: शव यात्रा, थाली बजाकर विरोध

प्रयागराज । प्रयागराज में लोक सेवा आयोग (UPPSC) के खिलाफ 20 हजार छात्रों का प्रदर्शन मंगलवार को भी उग्र रूप में जारी रहा। छात्रों ने ‘लूट सेवा आयोग’ लिखकर, थाली बजाकर, और आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकालकर विरोध जताया। पुलिस ने पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को हिरासत में लिया, जो प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे थे।

प्रयागराज में UPPSC (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन अब एक बड़े आंदोलन का रूप ले चुका है। मंगलवार को दूसरे दिन भी 20,000 से अधिक छात्रों ने आयोग के कार्यालय के बाहर जुटकर प्रदर्शन किया। छात्रों का मुख्य मुद्दा परीक्षा के नॉर्मलाइजेशन और पारदर्शिता की कमी को लेकर है। उन्होंने आयोग के मुख्य गेट पर कालिख पोत कर ‘लूट सेवा आयोग’ लिखा और अध्यक्ष संजय श्रीनेत की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली।

छात्रों का कहना है कि आयोग ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया है। उनका मुख्य मुद्दा नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के खिलाफ है, जिसके चलते परीक्षा में पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। छात्रों की मांग है कि परीक्षा एक दिन में एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाए ताकि सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर मिल सके।

इस बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर छात्रों का समर्थन किया और भाजपा सरकार पर हमला बोला। अखिलेश ने कहा कि “जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि छात्रों और भाजपा के बीच विरोधाभासी संबंध है और भाजपा सरकार छात्रों के साथ न्याय करने में विफल रही है।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनने की अपील की। उन्होंने कहा कि अधिकारी जल्द से जल्द समाधान निकालें ताकि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में न गंवाकर उनकी पढ़ाई में लगे। वहीं, सपा के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि “योगी बनाम प्रतियोगी” माहौल बन गया है, और भाजपा के जाने से ही युवाओं का भविष्य सुरक्षित होगा।

सोमवार आधी रात को कमिश्नर, डीएम और आयोग के बीच एक बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन वह बिना किसी ठोस निर्णय के समाप्त हो गई। आयोग ने देर रात एक बयान जारी कर कहा कि छात्रों के हितों को देखते हुए दो पालियों में परीक्षा का निर्णय लिया गया है। हालांकि, छात्र इसे अस्वीकार्य मान रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि आयोग केवल बयान जारी करके जनता को भ्रमित कर रहा है।

इस आंदोलन में सियासत भी तेज हो गई है। डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने छात्रों के समर्थन में अधिकारियों से उनकी मांगों को संवेदनशीलता से सुनने और जल्दी समाधान निकालने की अपील की। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के पतन से ही छात्रों का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।

सोमवार देर रात कमिश्नर, DM और आयोग की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई, लेकिन समाधान नहीं निकल सका। आयोग ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि परीक्षा की दो पालियों का निर्णय छात्रों के हित में लिया गया है और कुछ लोग छात्रों को भड़का रहे हैं।

  • प्रयागराज में छात्रों का आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है।
  • नॉर्मलाइजेशन के विरोध में छात्र अपनी मांगों के प्रति अडिग हैं।
  • अखिलेश यादव और केशव मौर्य जैसी राजनीतिक हस्तियां भी इसमें अपना समर्थन दिखा चुकी हैं।
  • सरकार और आयोग के बीच बैठकें हो रही हैं, लेकिन ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।

नॉर्मलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जो अलग-अलग तारीखों और शिफ्ट्स में होने वाली परीक्षाओं के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए अपनाई जाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न प्रश्न पत्रों के कठिनाई स्तर में अंतर के कारण कोई पक्षपात न हो। इसके लिए विभाग एक विशेष फॉर्मूले का उपयोग करता है ताकि छात्रों के स्कोर एक समान आधार पर माने जा सकें।

UPPSC के खिलाफ यह प्रदर्शन उत्तर प्रदेश के छात्रों के अंदर छिपे आक्रोश और असंतोष को उजागर करता है। यह स्थिति छात्रों और सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण संवाद की मांग करती है, जिससे न केवल छात्रों की समस्याओं का समाधान हो, बल्कि उनकी आशाओं को भी बल मिले।


E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com