Bulldozer Justice: सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक पूरे देश में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी है। अगली तिथि 1 अक्टूबर को है, जिस दिन बुलडोजर पर नए दिशा निर्देश आने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बुलडोजर कार्रवाई का महिमा मंडन बंद हो।सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि बुलडोजर का चलना जरूरी है तो न्यायालय के आदेश से ही चलेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में अपराधियों और अन्य मामलों में बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक देश में कहीं भी मनमाने ढंग से बुलडोजर की कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का यह अंतरिम आदेश है। शीर्ष अदालत इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करेगा। देश के सभी राज्यों को इन आदेशों का पालन करना होगा।
बुलडोजर मामले में भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी बोले
राजनीतिक दुराग्रह या पूर्वाग्रह से बुलडोजर चलाना गलत, भाजपा सरकार में अपराधी के अपराध पर बुलडोजर नहीं चलता, अपराधी के अवैध निर्माण के अतिक्रमण पर विधि की परिधि में बुलडोजर चला है सपा शासन काल में विधायक रामपाल यादव या उद्धव ठाकरे शासन में कंगना रनौत के घर पर बुलडोजर गलत ढंग से चला था।
सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश की प्रतीक्षा सबको है
कांग्रेस प्रवक्ता, अंशू अवस्थी ने कहा कि, माननीय उच्चतम न्यायालय के बुलडोजर के निर्णय का हम स्वागत करते हैं , आज माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा योगी आदित्यनाथ सरकार संविधान विरोधी है असंवैधानिक कार्य कर रही थी और बुलडोजर का डर दिखाकर जाति और धर्म देखकर कार्रवाई कर रही थी, जिस पर माननीय उच्चतम न्यायालय ने रोक लगाई है उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार बेनकाब हो गई है, क्योंकि इनके पास जनता से जुड़े रोजगार, कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, प्रदेश के विकास के नाम पर बोलने को कुछ नहीं है , इसीलिए बुलडोजर का डर दिखाकर लोगों की आवाज को बंद करना चाहते थे जिसे आज उच्चतम न्यायालय ने संवैधानिक करार दिया है ।
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