भारत धर्मप्राण देश रहा है यानी इसकी आत्मा धर्म है। सिर्फ हमें अपने व्यवहार का पालन करना है, धर्म का पालन हो जाएगा। कथावाचक किरण कहती हैं कि जो मानवतापूर्ण गुणों से युक्त होगा वो धर्म युक्त होगा। आज लोगों के ज्यादा देर तक चुप रहने से भी हम बेचैन …
Read More »