Saturday , April 27 2024

Tag Archives: जानिए

क्या था माता लक्ष्मी के माता-पिता का नाम, जानिए

पुराणों में माता लक्ष्मी की उत्पत्ति के बारे में विरोधाभास पाया जाता है। एक कथा अनुसार माता लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन के निकले रत्नों के साथ हुई थी। लेकिन दूसरी कथा कुछ और ही कहती है। भगवान विष्णु की पत्नी है माता लक्ष्मी। दरअसल, पुराणों की कथा में  छुपे …

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सांई बाबा का बचपन, जानिए

जैसे पर्वतों में हिमालय श्रेष्ठ है वैसे ही संतों में श्रेष्ठ हैं सांई। सांई नाम के आगे ‘थे’ लगाना उचित नहीं, क्योंकि सांई आज भी हमारे बीच हैं। बस, एक बार उनकी शरण में होना जरूरी है, तब वे आपके आसपास होंगे। यह अनुभूत सत्य है। सांई बाबा के बारे …

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महागठबंधन में भी सीटें हो गयीं हैं तय, घोषणा होगी खरमास के बाद, जानिए

बिहार में राजग की संयुक्त ताकत के खिलाफ दिल्ली में पांच दलों की एकता के एलान के बाद महागठबंधन में अब सीटों की हिस्सेदारी पर चर्चा-ए-आम है। अगले कुछ दिनों में समन्वय समिति की बात आगे बढ़ेगी। चुनाव के मुद्दे भी तय किए जाएंगे। घटक दल अपने-अपने संभावित प्रत्याशियों को …

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जानिए, अविश्वास प्रस्ताव के अनछुए पहलू, मोदी सरकार का पहला फ्लोर टेस्‍ट आज

जानिए, अविश्वास प्रस्ताव के अनछुए पहलू, मोदी सरकार का पहला फ्लोर टेस्‍ट आज

संसद में मानसून सत्र के पहले दिन मोदी सरकार के खिलाफ टीडीपी की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा अध्‍यक्ष द्वारा स्‍वीकार किए जाने के बाद पक्ष और विपक्ष ने अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। अध्‍यक्ष ने 20 जुलाई को अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा के लिए …

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जानिए, भारतीय लोकतंत्र में पहली बार किसके खिलाफ लाया गया अविश्‍वास प्रस्‍ताव

जानिए, भारतीय लोकतंत्र में पहली बार किसके खिलाफ लाया गया अविश्‍वास प्रस्‍ताव

केंद्र में चार साल से ज्यादा का समय गुजार चुकी मोदी सरकार को शुक्रवार के दिन संसद में अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। दरअसल, सरकार को विपक्ष की ओर से पेश किए गए अविश्‍वास प्रस्‍ताव का सामना करना है। ऐसा नहीं है कि संसदीय इतिहास में किसी सरकार के खिलाफ पहली …

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जानिए, कैसे फंसे विधायक एनोस एक्का; हो सकती है आजीवन कारावास की सजा

नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्या के मामले में पूर्व मंत्री व कोलेबिरा (झारखंड) के विधायक एनोस एक्का को दोषी करार दिया है। उन्हें हत्या करने, साक्ष्य छुपाने, हत्या के उद्देश्य से अपहरण करने तथा चुनाव अवधि में राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपराध करने के साथ-साथ 27 आ‌र्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया गया। कोर्ट ने उपरोक्त मामले में सजा के लिए तीन जुलाई की तारीख मुकर्रर की है। 2014 में 26 नवंबर को पारा शिक्षक मनोज कुमार को उनके स्कूल से अगवा कर लिया गया था। बाद में दूसरे दिन उनका शव स्कूल के पास से बरामद हुआ था। पुलिस ने इस मामले में कोलेबिरा के विधायक एनोस एक्का को उनके ठाकुरटोली आवास से गिरफ्तार किया था। उग्रवादी से बातचीत कर फंसे थे एनोस इस मामले में झारखंड पार्टी के विधायक एनोस के पुलिस गिरफ्त में आने की कहानी भी दिलचस्प है। दरअसल, पुलिस ने पूर्व से ही पीएलएफआइ (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) उग्रवादी विक्रम उर्फ बारूद गोप के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर रखा था। पुलिस के अनुसार, घटना वाले दिन भी विधायक एनोस एक्का ने मोबाइल से विक्रम गोप से बात कर उससे पारा शिक्षक की हत्या की जिम्मेदारी लेने को कहा था। पुलिस ने इसी बातचीत को आधार मानकर विधायक को गिरफ्तार किया था। बातचीत के टेप को पुलिस ने कोर्ट में भी मजबूत साक्ष्य के रूप में पेश किया था। अदालत के निर्देश के बाद भी नहीं दिया था वॉयस सैंपल बातचीत के टेप से मिलान करने के लिए विधायक ने न सिर्फ पुलिस जांच में वॉयस सैंपल देने से इन्कार किया, बल्कि न्यायालय के आदेश के बावजूद उन्होंने वॉयस सैंपल नहीं दिया। इसके बाद पुलिस गिरफ्त में आए विक्रम गोप ने सरकारी गवाह बनने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। बाद में विधायक एनोस एक्का के वकील ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी। हालांकि हाई कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा विक्रम को सरकारी गवाह बनाए जाने के निर्णय को सही ठहराया। सरकारी गवाह बनने के बाद भी मुकर गया विक्रम गोप इस मामले में पांच जून को विक्रम गोप का बयान होटवार जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज कराया गया। हालांकि सरकारी गवाह बनने के बाद भी उसने घटना के प्रति अनभिज्ञता जाहिर की। अब उसके विरुद्ध भी विधिवत ट्रायल चलेगा। इसके बाद कोर्ट ने अन्य साक्ष्य एवं गवाहों के आधार पर विधायक एनोस एक्का को दोषी करार दिया। इस दौरान विधायक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होटवार जेल से पेश किया गया। हो सकती है आजीवन कारावास की सजा जानकारों की मानें तो उपरोक्त मामले में विधायक को आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। अगर उन्हें दो वर्ष से अधिक की सजा होती है तो उनकी विधायकी छिन जाएगी।

नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्या के मामले में पूर्व मंत्री व कोलेबिरा (झारखंड) के विधायक एनोस एक्का को दोषी करार दिया है। उन्हें हत्या करने, साक्ष्य छुपाने, हत्या के उद्देश्य से अपहरण करने तथा चुनाव अवधि में राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए …

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उत्तराखंड के बिजली विहीन सरकारी स्कूल अब इस तरह होंगे रोशन, जानिए

प्रदेश के बिजली विहीन सरकारी स्कूल अब सौर ऊर्जा से रोशन होंगे। इतना ही नहीं भारी-भरकम बिलों का भुगतान नहीं होने से विद्यालयों में अंधेरा भी नहीं पसरेगा। विद्यालयों से व्यावसायिक दरों के बजाय घरेलू दरों पर बिजली के बिल लिए जाएंगे। इसे लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। राज्य में अभी भी तकरीबन तीन हजार स्कूलों में बिजली नहीं है। इसके अलावा विद्यालयों से वर्तमान में व्यावसायिक दर से बिजली बिल की वसूली की जा रही है। बिलों के भुगतान की राशि न होने के कारण बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालय भी हैं, जिनके कनेक्शन कटे हुए हैं। ऐसे में विद्यालयों का अंधेरा दूर करने के लिए शिक्षा महकमा अब नई योजना पर काम कर रहा है। गुरुवार को ननूरखेड़ा स्थित राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) में आयोजित समीक्षा बैठक में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने इसे लेकर सभी जनपदों से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने बताया कि समस्त तोक प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना से आच्छादित किए जा रहे हैं। इसके बावजूद जो स्कूल छूट जाएंगे वहां सौर ऊर्जा से विद्युत व्यवस्था की जाएगी। जानिए लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने क्या कहा छात्र-छात्राओं से यह भी पढ़ें उरेडा ने प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय भवनों और शिक्षा विभाग के कार्यालयों की छत पर एक केवी से दस केवी तक सोलर पैनल लगाने का प्रस्ताव भी महकमे को दिया है। जहां बिल बकाया होने के कारण कनेक्शन कटा हुआ है, उसका भी ब्योरा जुटाया जा रहा है। यहां जल्द विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। विद्युत टैरिफ पर निर्णय लेने का अधिकार क्योंकि उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को है। महकमे की ओर से प्रस्ताव तैयार कर आयोग को भेजा जाएगा ताकि स्कूलों को घरेलू रेट पर बिजली मिल सके।

प्रदेश के बिजली विहीन सरकारी स्कूल अब सौर ऊर्जा से रोशन होंगे। इतना ही नहीं भारी-भरकम बिलों का भुगतान नहीं होने से विद्यालयों में अंधेरा भी नहीं पसरेगा। विद्यालयों से व्यावसायिक दरों के बजाय घरेलू दरों पर बिजली के बिल लिए जाएंगे। इसे लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।  …

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रिटायरमेंट के लिए उम्र के किस-किस पड़ाव पर आपको करनी चाहिए सेविंग, जानिए

रिटायरमेंट के लिए हर कोई थोड़ी-थोड़ी सेविंग करता ही है। यह एक ऐसा समय होता है जो आपके जीवन में आराम के साथ-साथ कई तरह की चिंताएं भी लेकर आता है। बचत किन तरीकों से करनी चाहिए यह जानना भी सबसे अहम होता है। हमें यह मालूम होना चाहिए कि किस उम्र से रिटायरमेंट के लिए सेविंग करना शुरू करना बेहतर होता है। आपको रिटायरमेंट को एक लक्ष्य बनाकर चलना चाहिए और उसी हिसाब से प्लानिंग करनी चाहिए। नौकरीपेशा लोगों के लिए रिटायरमेंट की उम्र आमतौर पर 60 होती है। सेविंग के लिए सजग रहने के बावजूद देखा गया है कि कई लोग रिटायरमेंट की प्लानिंग करने में देरी कर देते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता कि इसकी प्लानिंग कब से शुरू करनी चाहिए। हम आपको अपनी इस खबर में बता रहे हैं कि रिटायरमेंट के लिए कब से सेविंग करना बेहतर रहेगा। युवा अवस्था: वर्ष 1980 के बाद पैदा होने वाले लोग थोड़ी सी ही सेविंग करते हैं। इन लोगों में महंगी लाइफस्टाइल का शौक होता है। जैसे कि गैजेट्स रखना, रेस्टॉरेंट में खाना खाना, ईएमआई पर चीजें खरीदना, एजुकेशन लोन लेना इत्यादि। इस उम्र में लोगों को रिटायरमेंट प्लानिंग से कुछ खास लेना-देना नहीं होता है। इस उम्र में जो लोग थोड़ा बुद्धिमान होते हैं उन्हें भी रिटायरमेंट की प्लानिंग की सुध बहुत बाद में आती है। नौकरीपेशा लोगों के लिए नौकरी का शुरूआती समय कार बंगला या एक लग्जरी लाइफ-स्टाइल मेंटेन करने में बीतता है। इस उम्र में आपको अपनी आय एक अंश रिटायरमेंट के लिए सेव जरूर करना चाहिए। महंगाई ध्यान में रखकर करें रिटायरमेंट प्लानिंग यह भी पढ़ें 35 से 45 साल की उम्र में: यह वह उम्र होती है जब जिम्मेदारियां बढ़ती रहती हैं, जिससे फाइनेंस का दबाव बहुत अधिक रहता है। 35 से 45 वर्ष की आयु के दौरान आपको कई तरह की जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ सकतीं हैं, लेकिन आपकी प्राथमिकता रिटायरमेंट के लिए सेविंग होनी चाहिए। आपको इस दौरान अपनी आय का 20 फीसद हिस्सा रिटायरमेंट के लिए बचाना शुरू कर देना चाहिए, आप इसे 40 से 50 फीसद तक भी ले जा सकते हैं। रिटायरमेंट से कुछ समय पहले: रिटायरमेंट के करीब बच्चों की शिक्षा और शादी के लिए रिटायरमेंट सेविंग बहुत जरूरी होती है। यह फेज हर व्यक्ति की लाइफ में आता है। अगर आपको लगता है कि आप पर शिक्षा संबंधी बहुत सारी जिम्मेदारियां आने वाली हैं तो आपको अपनी आय का 15 फीसद हिस्सा सेव करना ही चाहिए।

रिटायरमेंट के लिए हर कोई थोड़ी-थोड़ी सेविंग करता ही है। यह एक ऐसा समय होता है जो आपके जीवन में आराम के साथ-साथ कई तरह की चिंताएं भी लेकर आता है। बचत किन तरीकों से करनी चाहिए यह जानना भी सबसे अहम होता है। हमें यह मालूम होना चाहिए कि …

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