‘कंक्रीट के जंगल’ युवाकवि राकेशधर द्विवेदी का प्रथम काव्य पुष्प है। इसमें भावनाओं का प्रवाह ही नहीं, सामाजिक विसंगतियों,विद्रूपताओं के खिलाफ अकुलाहट और छटपटाहट भी है। संग्रह की सभी 67 कविताएं समाज को अपना संदेश देने में सफल रही हैं। इसमें सिर्फ शब्द गुंफन ही नहीं, भाव चिंतन और अभिकथन …
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