कविवर रहीम ने लिखा है कि बिगरी बात बने नहीं, लाख करै किन कोय। रहिमन बिगरै दूध को मथे न माखन होय। जरूर यह बात उन्होंने अपने व्यापक जीवनानुभवों के आधार पर लिखी होगी। पढ़े-लिखे लोगों को रहीम की इस बात पर संदेह नहीं है लेकिन समाजवादी पार्टी पर यह …
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