मनोज शुक्ल –रिपोर्ट
लखनऊ। जनरल पोस्ट ऑफिस हज़रतगंज, लखनऊ का इतिहास केवल डाक सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और स्थानीय संस्कृति का भी प्रतीक है। हर साल 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस मनाया जाता है, जो डाक सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है। इस विशेष अवसर पर हमने श्री सुनील कुमार राय, पोस्टमास्टर जनरल, मुख्यालय परिक्षेत्र, लखनऊ से बातचीत की, जिन्होंने डाकघर हज़रातगंज के ऐतिहासिक महत्व, वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर अपने विचार साझा किए।
जनरल पोस्ट ऑफिस हज़रतगंज का ऐतिहासिक महत्व
जनरल पोस्ट ऑफिस हज़रतगंज की स्थापना 1856 में हुई थी, जब लखनऊ ब्रिटिश राज के अधीन था। यह डाकघर उस समय की प्रमुख आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्थापित किया गया था, जब संचार का मुख्य साधन केवल डाक सेवाएँ थीं। यह क्षेत्र न केवल व्यापार का केंद्र बना, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक संवाद का महत्वपूर्ण स्थल भी बना। यहाँ कई प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों ने डाक सेवाओं का उपयोग किया, जिनमें लाला लाजपत राय, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, और डॉ. भीमराव अंबेडकर शामिल हैं।
इस अवसर पर हमने सुनील कुमार राय, पोस्टमास्टर जनरल ,मुख्यालय परिक्षेत्र लखनऊ से बातचीत की।
सुनील कुमार राय ने कहा, यह डाकघर स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा महत्वपूर्ण संदेशों और सूचनाओं के आदान-प्रदान का माध्यम बना। इसकी स्थापना के बाद से, इसने समाज के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रश्न : विश्व डाक दिवस के महत्व के बारे में आपकी क्या राय है?
सुनील कुमार राय: विश्व डाक दिवस मनाने का उद्देश्य डाक सेवाओं की भूमिका को पहचानना और उनके महत्व को उजागर करना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि डाक सेवाएँ न केवल संचार का माध्यम हैं, बल्कि वे समाज में एकजुटता और सहयोग का प्रतीक भी हैं।
प्रश्न : लखनऊ में डाक सेवाओं की स्थिति कैसी है?
सुनील कुमार राय: लखनऊ में डाक सेवाएँ तेजी से विकसित हो रही हैं। हाल ही में हमने तकनीकी सुधार और डिजिटल सुविधाओं को लागू किया है, जिससे नागरिकों को बेहतर सेवाएँ मिल रही हैं।
प्रश्न : डिजिटल इंडिया के संदर्भ में डाक सेवाओं में क्या बदलाव आ रहे हैं?
सुनील कुमार राय: डिजिटल इंडिया के तहत, हमने ई-डाक सेवाएँ शुरू की हैं, जिससे लोग घर बैठे डाक सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। यह ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
प्रश्न : कोविड-19 महामारी के दौरान डाक सेवाओं में क्या चुनौतियाँ आई थीं?
सुनील कुमार राय: महामारी के दौरान, हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे कि कर्मचारियों की सुरक्षा और सेवाओं की निरंतरता। हमने आवश्यक सावधानियाँ बरतीं और नागरिकों को राहत पहुँचाने के लिए अपने कार्यों को जारी रखा।
प्रश्न : लखनऊ के विभिन्न डाकघरों में क्या विशेष सेवाएँ उपलब्ध हैं?
सुनील कुमार राय: लखनऊ में स्पीडपोस्ट, रजिस्टर्ड पोस्ट और पार्सल सर्विस जैसी विशेष सेवाएँ उपलब्ध हैं।
प्रश्न : युवाओं को डाक सेवाओं में करियर के अवसरों के बारे में क्या सलाह देंगे?
सुनील कुमार राय: डाक विभाग में युवाओं के लिए अनेक अवसर उपलब्ध हैं। उन्हें इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।
प्रश्न : डाक सेवाओं की पहुंच और नागरिकों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए कौन सी योजनाएँ बनाई गई हैं?
सुनील कुमार राय: हमने विभिन्न जागरूकता अभियानों का आयोजन किया है, ताकि लोग डाक सेवाओं के लाभों के बारे में जान सकें।
प्रश्न : डाक सेवाओं के भविष्य में आपको क्या संभावनाएँ नजर आती हैं?
सुनील कुमार राय: भविष्य में डाक सेवाएँ और भी तकनीकी रूप से उन्नत होंगी।
प्रश्न : लखनऊ के डाक विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए क्या प्रोत्साहन योजनाएँ हैं?
सुनील कुमार राय: हम कर्मचारियों के प्रशिक्षण और विकास के लिए नियमित कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
प्रश्न : डाक सेवाओं के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक विकास में क्या योगदान दिया जा सकता है?
सुनील कुमार राय: “डाक सेवाएँ ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।”
सुनील कुमार राय, पोस्टमास्टर जनरल ,मुख्यालय परिक्षेत्र लखनऊ ने कहा कि विश्व डाक दिवस पर, हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम डाक सेवाओं का अधिकतम लाभ उठाएँ और इस ऐतिहासिक धरोहर की महत्ता को समझें। जनरल पोस्ट ऑफिस हज़रतगंज, लखनऊ केवल एक डाकघर नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक भी है।
श्री राय ने इस अवसर पर कहा, हम केवल सामान नहीं भेजते, बल्कि हम आपकी भावनाएँ भेजते हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि लोग एक-दूसरे से वैश्विक रूप से भावनात्मक रूप से जुड़े रहें।