लखनऊ: राज्य कर विभाग के प्रशिक्षण संस्थान का नाम ‘वाणिज्य कर अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान’ से बदलकर अब ‘उत्तर प्रदेश राज्य कर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान’ कर दिया गया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस बदलाव को मंजूरी दी है।
प्रमुख सचिव (राज्य कर) एम. देवराज ने जानकारी दी कि इस संस्थान का उद्देश्य अधिकारियों को उन्नत प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि करना है। यह कदम राजस्व संग्रह में बढ़ोतरी और कर चोरी पर अंकुश लगाने में मददगार साबित होगा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कुल राजस्व का बड़ा हिस्सा राज्य कर विभाग से प्राप्त होता है। इस विभाग के अधिकारियों के प्रशिक्षण को और बेहतर बनाने के लिए प्रयागराज में सन् 1931 में अधिकारी प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना की गई थी। अब इसे स्थानांतरित कर लखनऊ के विभूति खंड, नटी नगर में स्थापित किया गया है।
इस बदलाव के साथ, संस्थान में शोध कार्यों को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे राज्य कर प्रणाली को और प्रभावी बनाया जा सके।