थ्री इडियट में आमिर के किरदार फुंसुख वांगडू के पीछे की प्रेरणा रहे सोनम वांगचुक को वैकल्पिक शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए रॉलेक्स अवॉर्ड फॉर इंटरप्राइजेज 2016 से पुरस्कृत किया गया है।
वागंचुक को लद्दाख में बर्फ स्तूप कृत्रिम ग्लेशियर परियोजना के लिए लॉस एंजिलिस में पुरस्कृत किया गया। यह कृत्रिम ग्लेशियर 100 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। इसे अनावश्यक पानी को इकट्टा कर बनाया गया है हालांकि इस तकनीक को वांगचुक 25 साल पहले अपने स्कूल में इस्तेमाल कर चुके हैं।
आर्थिक और सामाजिक स्तर पर पिछड़े जम्मू एवं कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र की शिक्षा प्रणाली में सुधार का बीड़ा उठाने वाले 50 वर्षीय वांगचुक स्कूलों की रटी रटाई व्यवस्था से अलग उन छात्रों के लिए एक ऐसे स्कूल की स्थापना की है जो पारंपरिक स्कूली शिक्षा में नाकामयाब रहे हैं। वांगचुक के स्कूल में लीक से हटकर चीजें सिखाई जाती हैं वांगचुक अब अपनी इस समृद्ध सोच को आगे बढ़ाते हुए एक ऐसे वैकल्पिक विश्वविद्यालय की स्थापना की योजना बना रहे हैं जो शिक्षा में सुधार के उनके बीड़े को आगे बढ़ाएगा।
वांगचुक ने 1988 में लद्दाख के बर्फीले रेगिस्तान में शिक्षा की सुधार का जिम्मा उठाया और स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (सेकमॉल) की स्थापना की। वांगचुक का दावा है कि सेकमॉल अपने तरह का इकलौता स्कूल है जहां सबकुछ अलग तरीके से किया जाता है वह पहले भारतीय हैं जिन्हें न्यूयॉर्क में यह पुरस्कार दिया गया। वांगचुक पुरस्कार में प्राप्त एक करोड़ की धनराशि को विश्वविद्यालय के निर्माण में दान देकर फंड रेजिंग अभियान शुरू करने जा रहे हैं।