कानपुर। इंडिगो एयरलाइंस में बेरोजगार युवाओं से नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की साइबर ठगी करने वाले अन्तर्राज्यीय शातिर मास्टरमाइंड समेत दो युवकों को कानपुर साइबर क्राइम टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार को गिरफ्तार किया। गिरोह में सक्रिय चार युवकों की तलाश जारी है। यह जानकारी बुधवार को अरिक्त पुलिस उपायुक्त अपराध मनीष चंद्र सोनकर ने दी।
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उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में जालौन जनपद के माधवगढ़ थाना क्षेत्र के सिहारी गांव निवासी साइबर अपराध के मास्टर माइंड अभिषेक सिंह पुत्र अरविंद सिंह और इसके गांव सिरसा के ही निवासी राजनाथ सिंह पुत्र जय नारायण वर्तमान में एलएलबी का छात्र है। गिरोह में सक्रिय चार साइबर अपराधी नोएडा सेंटर से फरार हो गए। उनकी तलाश जारी है। गिरोह के कब्जे से एक कार और तीन मोबाइल नम्बर बरामद किया गया है। दोनों के खिलाफ कानपुर साइबर थाने में धारा 318(4)/388 भारत न्याय संहिता व 66 डीआईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करके विधिक कार्रवाई की जा रही है। यह मुकदमा एक प्रतियोगी छात्रा ने दर्ज कराया है। गिरोह ने कानपुर के केशवपुर नगर में अपना एक काल सेंटर बनाया हुआ था।
सहायक पुलिस आयुक्त अपराध मो. मोहसिन खान ने बताया कि नौकरी की वेबसाइट से डाटा लेकर गिरोह के सदस्य बेरोजगार युवाओं एवं युवतियों को फर्जी वेबसाइट तैयार करके उन्हें नौकरी दिलाने का लालच देकर वेबसाइट पर पंजीकरण फीस के नाम पर बार—बार पैसों की मांग करते थे। इच्छुक अभ्यार्थी नौकरी पाने के लिए तत्काल उनके बताए गए खातों में पैसे भेज देते थे।
साइबर ठगी के लिए बनाई फर्जी वेबसाइड
इंडिगो एयरलाइंस की बनाई फर्जी वेबसाइट का प्रयोग करके गिरोह के सदस्य साइबर ठगी को अंजाम देने के लिए इंडिगो एयरलाइंस में नौकरी दिलाने के नाम पर सभी दस्तावेज मांगता थे और इन्हीं वेबसाइट पर लोगों को मेल करके फर्जी नियुक्ति पत्र भेजते थे।
कई राज्यों से कर रहे थे साइबर ठगी
मो. मोहसिन खान ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कानपुर, लखनऊ, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, दिल्ली, नोएडा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश में साइबर ठगी की घटना को अंजाम दे चुके हैं। गिरोह का मास्टरमाइंड अभिषेक सिंह महाराष्ट्र के बांद्रा से भी साइबर ठगी मामले में जेल जा चुका है। वहां वह सेल्स व मार्केटिंग की नौकरी करता था, लेकिन कोरोना में नौकरी छूटने के बाद वहां से वापस आया और कानपुर शहर में साइबर ठगी का कार्य शुरू कर दिया।