लखनऊ। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के छठे चरण में आज शनिवार को पूर्वांचल की 49 सीटों के लिए लगभग 57.04 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार दो फीसदी मतदान अधिक हुआ है।
इस चरण में सात जिलों महाराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, आजमगढ़, मऊ और बलिया की 49 सीटों पर 635 चुनाव मैदान में हैं। मतदान के दौरान कहीं से कोई हिंसा या अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
शनिवार को हुए मतदान में अकेले महाराजगंज ही ऐसा जिला है जो वोट देने में फर्स्ट क्लास पास हुआ है। महाराजगंज में सर्वाधिक 60.80 फीसदी वोट पड़े जबकि सबसे कम मतदान देवरिया में 54.89 प्रतिशत रहा। उल्लेखनीय है कि पिछले (वर्ष 2012) विधानसभा चुनाव में भी इन्हीं दोनों जिलों में सबसे ज्यादा और सबसे कम वोट पड़े थे। पिछले चुनाव में महाराजगंज में 60.82 % और देवरिया में 51. 88 % मतदान हुआ था।
छठे चरण में मतदाताओं ने बसपा छोड़कर भाजपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य (पडरौना), भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही (देवरिया), पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव के बेटे श्याम बहादुर यादव (फूलपुर पवई), सपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी (फेफना) और नारद राय (बलिया सदर), मंत्री रामगोविंद चौधरी, सपा से निष्कासित स्वतंत्र उम्मीदवार अमनमणि त्रिपाठी, मऊ से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनके बेटे अब्बास अंसारी (घोसी) के भाग्य पर अपना फैसला ईवीएम में ‘लाक’ कर दिया है।
इस चरण में 77 लाख 84 हजार महिलाओं समेत करीब एक करोड़ 72 लाख मतदाताओं को कुल 635 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करना था। इसके लिए 17 हजार 926 मतदान केंद्र बनाए गए थे। वर्ष 2012 में इन सीटों में से सपा ने 27, बसपा ने नौ, भाजपा ने सात तथा कांग्रेस ने चार सीटें जीती थी, जबकि दो सीटें अन्य के खाते में गई थीं। इस चरण में सबसे ज्यादा 23 उम्मीदवार गोरखपुर सीट पर मैदान में हैं, जबकि सबसे कम सात उम्मीदवार मऊ जिले की मोहम्मदाबाद गोहना सीट पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। आजमगढ़ में विधानसभा की 10 सीटें हैं। वर्ष 2012 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने इनमें से नौ सीटें जीती थीं।