लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की पहल से संस्कृत भाषा को नई उड़ान मिल रही है। अब इसी कड़ी में यूपी के प्रशिक्षक दिल्ली में सिखाएंगे संस्कृत संभाषण। 23 अप्रैल से 4 मई तक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में ‘संभाषण दक्षता कार्यशाला’ का आयोजन होने जा रहा है।
इस कार्यशाला के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान से 25 से अधिक प्रशिक्षकों को आमंत्रित किया गया है। यह पहल उत्तर प्रदेश में संस्कृत संभाषण योजना की सफलता का परिणाम मानी जा रही है।
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कार्यशाला के निदेशक प्रो. मधुकेश्वर भट्ट ने उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष को पत्र लिखकर प्रशिक्षकों को निमंत्रण दिया। यूपी से जाने वाले प्रशिक्षक दिल्ली में लोगों को देववाणी संस्कृत बोलना सिखाएंगे।
इनमें लखनऊ के धीरज मैठाणी, मथुरा की राधा शर्मा, गाजियाबाद के दिव्यरंजन, फतेहपुर के गणेश दत्त, कानपुर की आस्था शुक्ला समेत अन्य जिलों से प्रशिक्षक इस कार्यशाला में सहभाग करेंगे।
उत्तर प्रदेश में 2017 से ‘सरल संस्कृत संभाषण योजना’ के माध्यम से बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक संस्कृत संभाषण सिखाया जा रहा है। कोरोना काल के बाद इस योजना को ऑनलाइन मोड में भी उपलब्ध कराया गया, जिससे देशभर में अब तक एक लाख से ज्यादा लोग संस्कृत संभाषण सीख चुके हैं।
संस्कृत के प्रचार-प्रसार को लेकर प्रशिक्षकों का उत्साह भी देखते ही बनता है। प्रशिक्षक राधा शर्मा ने बताया कि योगी सरकार की इस पहल से उत्तर प्रदेश के संस्कृत शिक्षक पूरे देश में सम्मान प्राप्त कर रहे हैं।
वहीं, प्रशिक्षक दिव्यरंजन का कहना है कि यह गौरव का क्षण है कि यूपी की योजना का प्रभाव अब अन्य राज्यों में भी देखने को मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के पूर्व अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्रा ने कहा कि योगी सरकार के मार्गदर्शन में संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं और प्रशिक्षक जहां भी बुलाए जाते हैं, वहां सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।