लखनऊ । यूपी की सत्ता संभालने के 16 दिन बाद योगी सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग खत्म हो गई है। कैबिनेट बैठक करीब डेढ़ घंटे चली। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी थीं कि योगी सरकार के पिटारे से क्या निकलता है।
सूत्रों के अनुसार किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ करने का फैसला लिया गया है। इससे राज्य के 2 करोड़ 15 लाख किसानों को लाभ होगा। इससे सरकार पर 30729 करोड़ का भार पड़ेगा।
कैबिनेट के अहम फैसले-
-यूपी के 92. 5 फीसदी यानी 2 करोड़ 15 लाख लघु और सीमांत किसानों का कर्ज माफ
-इन किसानों का कुल 30 हजार 729 करोड़ का कर्ज माफ।
-इन किसानों पर है अधिकतम एक लाख रुपये तक का कर्ज
-7 लाख किसानों का लोन जो एनपीए बन गया है वो भी माफ किया गया है।
-इन 7 लाख किसानों पर तकरीबन 5630 करोड़ रुपये का एनपीए था जो माफ किया गया है
-सरकार ने कुल मिलाकर 36 हजार 359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है।
-80 लाख मीट्रिक गेंहू खरीदेगी योगी सरकार।
-5000 गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें मुख्यमंत्रियों द्वारा मॉनिटर किया जाएगा।
-समर्थन मूल्य का पैसा सीधा किसानों के खाते में जाएगा। बिचोलिए खत्म होंगे।
-एंटी रोमियो दस्ता अच्छा काम कर रहा है। अभियान की वाहवाही हुई है। थाना स्तर पर बनाया गया दस्ता। अधिकारियों से ब्रीफिंग लेकर निकलता है दस्ता। कपल को परेशान ना किया जाए। कपल को परेशान करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
-आलू के किसानों को राहत पहुंचाई जाएगी। आलू खरीद के लिए तीन लोगों की कमेटी बनेगी।
-रोजगार के लिए युवाओं को बाहर ना जाना पड़े इसके लिए काम होगा। मंत्रियों का एक समूह अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां की उद्योग नीतियों को समझेगा। यहां पर सिंगल विंडो नीति का निर्माण होगा। दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में ये मंत्रियों का समूह बनेगा। पूंजी निवेश पर जोर रहेगा। अवैध बूचड़खाने नहीं चलाए जाएंगे। 26 अवैध बूचड़खाने बंद किए गए।
सोमवार को अधिकारियों और कैबिनेट के सहयोगियों के साथ 8 घंटे की मैराथन मीटिंग में सीएम योगी ने तमाम विभागों की योजनाओं के ब्लू प्रिंट पर चर्चा की और काम का टारगेट तय किया। बैठक में यांत्रिक बूचड़खानों पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही गाजीपुर में स्टेडियम को लेकर भी चर्चा हुई।