वाराणसी: छठ पूजा के दिन वाराणसी में एक बड़ा रेल हादसा टल गया। वाराणसी कैंट स्टेशन के पास एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें एक-दूसरे से टकराने के करीब थीं, लेकिन ड्राइवर की सूझबूझ और तत्काल ब्रेक लगाकर एक बड़ी दुर्घटना से बचा लिया गया। यह घटना वाराणसी जंक्शन और बनारस रेलवे स्टेशन के बीच हुई, जिसमें अयोध्या धाम स्पेशल और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस ट्रेनों के बीच टक्कर होने की संभावना थी।
Read It Also :- सीएम योगी का फ़रमान:कार्यालय में फाइलें तीन दिन से अधिक नहीं रुकनी चाइए
गुरुवार को, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस नई दिल्ली से जयनगर की तरफ जा रही थी। इसे वाराणसी जंक्शन के यार्ड में चेन पुलिंग के कारण कुछ देर के लिए खड़ा कर दिया गया था। इस दौरान, ट्रेन का पिछला हिस्सा क्रासिंग के पार चला गया और वहीं खड़ा हो गया। इसके बाद, अयोध्या धाम स्पेशल ट्रेन को प्लेटफार्म नंबर 3 से रवाना किया गया।
जब अयोध्या धाम स्पेशल ट्रेन वाराणसी जंक्शन के यार्ड के पास पहुंची, तो लोको पायलट (ट्रेन ड्राइवर) ने देखा कि स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस का पिछला हिस्सा उसी ट्रैक पर खड़ा था। यह ट्रैक एक ही था, और दोनों ट्रेनों के बीच लगभग 50 मीटर की दूरी रह गई थी। ड्राइवर ने तुरंत ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका और एक बड़ी दुर्घटना से बचाव किया। अगर ट्रेन कुछ और दूरी तक बढ़ जाती, तो दोनों ट्रेनों के बीच टक्कर हो सकती थी, जो एक भयावह हादसा बन सकता था।
ड्राइवर की सूझबूझ और त्वरित प्रतिक्रिया:
लोको पायलट की सूझबूझ और त्वरित निर्णय ने यह हादसा टाल दिया। ट्रेन को रुकते ही उसने तुरंत वाराणसी कैंट कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद, अधिकारियों को इस गंभीर स्थिति के बारे में बताया गया और वे तुरंत मौके पर पहुंच गए। वायरलेस सेट पर लोको पायलट की सूचना सुनकर अधिकारियों में हड़कंप मच गया, क्योंकि एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें काफी खतरनाक स्थिति थी।
कार्रवाई और जांच:
घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारियों ने स्थिति का आकलन किया और आवश्यक प्रक्रिया का पालन करने के बाद दोनों ट्रेनों को फिर से रवाना किया गया। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मंडल रेल प्रबंधक ने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए। एडीआरएम (अवर डिवीजनल रेलवेज मैनेजर) ने जांच के लिए एक समिति गठित की है, जो इस घटना की विस्तृत जांच करेगी। रिपोर्ट के बाद, अगर ट्रैक निर्धारण में किसी प्रकार की लापरवाही पाई जाती है, तो दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों का कहना:
इस घटना के बाद, रेलवे प्रशासन ने अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं को लेकर और भी कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया है। यह हादसा ट्रेनों के बीच सामंजस्यपूर्ण ट्रैक निर्धारण और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता को दर्शाता है, ताकि भविष्य में ऐसे घटनाओं से बचा जा सके।
वाराणसी में हुई इस घटना में लोको पायलट की सूझबूझ और तेज़ प्रतिक्रिया ने बड़ी दुर्घटना को टाल दिया। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इस प्रकार की घटना भविष्य में न हो।