लातूर: महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड द्वारा लातूर जिले में 100 से अधिक किसानों को नोटिस भेजकर उनकी जमीन खाली करने को कहा गया है। इस कदम से किसान समुदाय में गहरी नाराजगी है।
किसानों का दावा है कि वे इन जमीनों पर वर्षों से खेती करते आ रहे हैं और उनका इस पर कानूनी अधिकार है। उनका आरोप है कि वक्फ बोर्ड जबरन उनकी जमीन हड़पने की कोशिश कर रहा है।
भाजपा प्रमुख बोले- “वक्फ बोर्ड ने की शरारत”
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इस विवाद को लेकर वक्फ बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, “वक्फ बोर्ड ने कई हिंदू देवी-देवताओं, ट्रस्टों और किसानों की जमीनों पर अतिक्रमण कर उन्हें अपने नाम पर पंजीकृत करा लिया है। यह पूरी तरह शरारत है।
भाजपा इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग करती है।” उन्होंने यह भी कहा कि जमीन के रिकॉर्ड को साफ-सुथरा और डिजिटल बनाने की जरूरत है।
“किसानों के साथ अन्याय नहीं होगा” – एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किसानों को भरोसा दिलाते हुए कहा, “यह सरकार आम लोगों की है। हम किसी भी नागरिक के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। इस मामले में पूरी पारदर्शिता से जांच की जाएगी।”
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता वर्षा गायकवाड़ ने इस विवाद को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “यह सरकार किसानों की नहीं है। अगर सरकार किसानों के हित में काम कर रही होती, तो किसान आत्महत्या नहीं कर रहे होते। यह सरकार किसानों को न्याय दिलाने में नाकाम रही है।”
केंद्र सरकार ला रही वक्फ संपत्तियों पर कानून
केंद्र सरकार ने इस साल 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया था। इसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कामकाज को सुव्यवस्थित करना और उसकी संपत्तियों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करना है। फिलहाल, यह विधेयक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है।
किसानों की लड़ाई जारी
इस विवाद ने राज्य में किसानों और वक्फ बोर्ड के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। किसानों का कहना है कि वे अपनी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं हैं। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या ठोस कदम उठाती है।