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यमुना और बेतवा सहित अन्य स्थानीय नदियां अब उफान पर

यमुना नदी के जलस्तर बढ़ा, तटवर्ती गांवों में खाली होने लगे घर

हमीरपुर। हमीरपुर में यमुना और बेतवा सहित अन्य स्थानीय नदियां अब उफान पर है। डैमों से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना और बेतवा नदियां लाल निशान के मुहाने पर आने से शुक्रवार को शहर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने लगा। तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के खतरे को लेकर लोग गृहस्थी का सामान समेट रहे हैं। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रहने और दोनों नदियों के जलस्तर पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।

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हमीरपुर शहर हर साल यमुना और बेतवा दोनों नदियों की बाढ़ की जद में आता है। जिससे तटवर्ती दर्जनों गांवों में बड़ा नुकसान होता है। शहर के तमाम रिहायशी इलाकों में भी नदियों के उफनाने से बाढ़ का पानी भर जाता है। जबकि शहर से जुड़े मेरापुर और तमाम मजरे, डेरे में भी सैकड़ों घर बाढ़ के पानी में जमींदोज हो जाते हैं। इधर मध्यप्रदेश और बुंदेलखंड समेत कई इलाकों में कई दिनों से लगातार बारिश होने से डैम के फाटक खोल दिए गए हैं जिससे लाखों क्यूेसक पानी बेतवा नदी में आने से यहां बाढ़ का खतरा मंडरा गया है। यमुना नदी में भी चंबल से लाखों क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने से अब दोनों नदियां उफान पर आ गई हैं।

बाढ़ का खतरा बढ़ जाने से जिलाधिकारी राहुल पाण्डेय ने बाढ़ तैयारियों से जुड़े अधिकारियाें की बैठक लेकर तत्काल बचाव और अन्य व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दोनों नदियों के तटबंधों का भी निरीक्षण कर बचाव की तैयारियों का जायजा लिया। कुरारा क्षेत्र के पारा गांव से कंडौर जाने वाले मार्ग के बीच नाले में बना रपटा बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ने से डूब गया है। जिससे दोनों गांवों का सम्पर्क कट गया है।

हमीरपुर शहर के खालेपुरा, पुराना जमुना घाट व बेतवा घाट स्थित बाढ़ का पानी घुसने से लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। शुक्रवार को शाम यमुना नदी सौ सेमी प्रति घंटे के रफ्तार से बढ़ रही है। वहीं बेतवा नदी का जलस्तर तीस सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। समाचार लिखे जाने तक यमुना का जलस्तर 103.330 मीटर व बेतवा नदी का जलस्तर 103.400 मीटर पार हो गया है।

नदियों का जलस्तर बढ़ने से हमीरपुर शहर और तटवर्ती ग्रामों में मचा हड़कंप

शुक्रवार को यहां यमुना नदी का जलस्तर 103.330 मीटर पार कर गया है जबकि बेतवा नदी का जलस्तर 103.400 मीटर पार हो गया है। नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने से यहां केसरिया का डेरा, चंदुलीतीर, कुछेछा, हेलापुर, अमिरता, कलौलीतीर, सूरजपुर, भोला का डेरा, जरैली मड़इयां, रमेड़ी डांडा, डिग्गी, ब्रह्म का डेरा, मेरापुर व भिलांवा सहित कई गांव बाढ़ की जद पर आ गए हैं। ग्रामीणों ने गृहस्थी समेटना शुरू कर दिया है।

नदियों के तटबंधों की निगरानी में लगाए गए कर्मी, बाढ़ चौकियां भी एलर्ट

मौदहा बांध विभाग के अधिशाषी अभियंता करन पाल गंगवार ने बताया कि लहचुरा डैम से आज फिर पानी नदी में छोड़ा गया है। वहीं माताटीला डैम से भी पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। जिससे यमुना और बेतवा नदियां डेंजर प्वाइंट पर आ सकती हैं। उन्हाेंने बताया कि तटवर्ती ग्रामों में बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही शहर में बाढ़ के पानी को रोकने के लिए रमेड़ी डांडा के पास हाइवे के नीचे बनी पुलिया का गेट बंद कर दिया गया है।

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