लखनऊ। इस वर्ष विश्व फेफड़ा दिवस की थीम “स्वच्छ हवा एवं स्वस्थ फेफड़े- सभी के लिए” है, जो वायु गुणवत्ता और फेफड़ों के स्वास्थ्य के बीच महत्वपूर्ण संबंध को उजागर करती है।
प्रोफेसर (डॉ.) वेद प्रकाश ने कहा, “प्रदूषित हवा, बीमार फेफड़े। साफ हवा, स्वस्थ जीवन।” उन्होंने फेफड़ों की बीमारियों के बढ़ते मामलों और वायु प्रदूषण के खतरों के बारे में जानकारी साझा की।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- 200 करोड़ लोग हानिकारक बायोमास धुएं के संपर्क में हैं।
- 100 करोड़ लोग बाहरी वायु प्रदूषण से प्रभावित हैं।
- सीओपीडी, फेफड़ों का कैंसर और अस्थमा जैसे रोगों का बोझ निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अधिक है।
कार्यक्रम की मुख्य बातें:
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने फेफड़ों की बीमारियों पर एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया।
- प्रसिद्ध विशेषज्ञों ने फेफड़ों के स्वास्थ्य पर चर्चा की।
फेफड़ों के रोगों के सामान्य संकेत:
- पुरानी खांसी
- सांस की तकलीफ
- घरघराहट
- सीने में दर्द
- बार-बार श्वसन संक्रमण
फेफड़ों के रोगों का निदान और उपचार:
- पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट, एक्स-रे, रक्त परीक्षण, और ब्रोंकोस्कोपी जैसे निदान विधियों का उपयोग किया जाता है।
- औषधियाँ, ऑक्सीजन थेरेपी, और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से उपचार किया जाता है।
रोकथाम के उपाय:
- धूम्रपान से परहेज, वायु प्रदूषकों से बचाव, स्वस्थ आहार, और नियमित जांच आवश्यक हैं।
इस अवसर पर, केजीएमयू का पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग अपनी सेवाओं को बढ़ावा देने और समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आगामी 26 सितंबर 2024 को विश्व मेसोथेलियोमा जागरूकता दिवस पर डॉ. वेद प्रकाश ने मेसोथेलियोमा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।