रिपोर्ट- मनोज शुक्ल
“कमला हैरिस की राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए उनके ननिहाल तुलासेंद्रापुरम में विशेष पूजा का आयोजन किया गया। जानिए कैसे भारतीयता का यह उत्सव अमेरिका की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।“
ननिहाल में जीत की पूजा: एक सांस्कृतिक उत्सव
कमला हैरिस, अमेरिकी उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार, के लिए उनके ननिहाल तुलासेंद्रापुरम गांव में हाल ही में विशेष पूजा का आयोजन किया गया। इस गांव में स्थित हिंदू मंदिर में आयोजित इस प्रार्थना सभा में स्थानीय लोगों ने मिलकर कमला की जीत के लिए आशीर्वाद मांगा। यह पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह भारतीयता और समुदाय की एकता का प्रतीक भी है।
यह पूजा इस बात का प्रमाण है कि कैसे एक भारतीय मूल की महिला, जो अमेरिका की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं, अपनी जड़ों से जुड़ी हुई हैं। गांव के लोगों का विश्वास है कि कमला की सफलता केवल उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे भारतीय समुदाय के लिए गर्व का क्षण होगा। इस पूजा में दीप जलाने, भजन गाने और विशेष पूजा सामग्री के साथ स्थानीय लोग एकत्र हुए, जो इस बात को दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति की गहराई और उसके प्रति सम्मान आज भी जीवित है।
कमला हैरिस: भारतीय जड़ों का प्रभाव
कमला हैरिस का परिवार भारतीय परंपराओं से गहराई से जुड़ा हुआ है। उनके नाना, पीवी गोपालन, ने इस गांव में जन्म लिया था और भारतीय प्रशासनिक सेवा में उच्च पदों पर कार्य किया। उनके परिवार का यह योगदान केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह अमेरिका में भारतीय समुदाय की पहचान को भी मजबूत करता है।
कमला का जन्म अमेरिका में हुआ, लेकिन वे हमेशा अपनी भारतीय जड़ों को गर्व से स्वीकार करती हैं। उनकी मां श्यामला गोपालन, जो एक कैंसर शोधकर्ता थीं, ने हमेशा उन्हें भारतीय संस्कृति के महत्व को समझाया। कमला की राजनीति में उनके भारतीय मूल का यह प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, जहां वे अपने भाषणों में भारतीय संस्कृति और परंपराओं का उल्लेख करती हैं।
पूजा का सामूहिक उत्सव: सामुदायिक एकता का प्रतीक
इस पूजा में केवल परिवार के सदस्य ही नहीं, बल्कि गांव के लोग भी शामिल हुए। जी मणिकंदन, जो मंदिर के निकट एक दुकान चलाते हैं, ने कहा कि अगर कमला चुनाव जीतती हैं, तो यह गांव के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा और भव्य उत्सव मनाया जाएगा। उनके अनुसार, यह पूजा न केवल कमला की जीत के लिए है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और समुदाय के एकजुटता का प्रतीक भी है।
गांव के मंदिर के बाहर एक बड़ा बैनर लगाया गया है, जिसमें कमला हैरिस को इस धरती की बेटी बताया गया है। यह बैनर इस बात का प्रतीक है कि कैसे एक भारतीय महिला अमेरिका की राजनीति में एक नई पहचान बना रही है। पूजा का यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक गर्व का उत्सव भी है, जो पूरी दुनिया में भारतीय मूल के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।
अमेरिका में चुनावी संघर्ष: भारतीयता का महत्व
कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच चल रहा चुनावी संघर्ष इस बात का प्रमाण है कि अमेरिकी राजनीति में भारतीय मूल के लोगों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण हो गई है। 5 नवंबर को होने वाले मतदान के दौरान, अमेरिकी जनता को यह तय करना है कि वे कमला हैरिस को राष्ट्रपति बनाना चाहते हैं या नहीं।
कमला की जीत से यह साबित होगा कि भारतीय संस्कृति और परंपराएं केवल भारत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं। अगर वे चुनाव जीतती हैं, तो यह न केवल उनके लिए, बल्कि भारतीय समुदाय के लिए भी गर्व का क्षण होगा।
भारतीयता और गर्व का नया अध्याय
कमला हैरिस की ननिहाल में हो रही जीत की पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह भारतीयता और सामुदायिक एकता का प्रतीक है। यह पूजा इस बात का प्रमाण है कि कैसे भारतीय संस्कृति आज भी जीवित है और एक भारतीय महिला की सफलता के साथ जुड़ी हुई है।
अगर कमला हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं, तो यह न केवल भारतीय समुदाय के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक नई प्रेरणा का स्रोत बनेगा। उनकी कहानी यह दर्शाती है कि कैसे भारतीयता और वैश्विक राजनीति के बीच का संबंध आज के दौर में महत्वपूर्ण हो गया है।
विश्ववार्ता परिवार की तरफ से आप सभी को “छठ पूजा” की हार्दिक शुभकामनाएँ”
देश दुनिया से जुड़ी और भी रोचक जानकारी के लिए हमारे विश्ववार्ता पर बने रहें…..
मनोज शुक्ल