“योगी सरकार ने बिजली आपूर्ति में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं को 30,618 मेगावॉट की बिजली भीषण गर्मी में निर्बाध रूप से उपलब्ध कराई। घरेलू श्रेणी में 62% संयोजित भार के साथ यूपी महाराष्ट्र, गुजरात और एमपी से आगे।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। राज्य में 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं को भीषण ग्रीष्म ऋतु में 30,618 मेगावॉट बिजली की अधिकतम मांग के बावजूद निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह उपलब्धि प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र की ताकत और दूरदर्शी नीतियों को दर्शाती है।
देश के बड़े राज्यों से आगे यूपी
उत्तर प्रदेश में कुल संयोजित भार का 62% हिस्सा घरेलू श्रेणी को दिया जा रहा है। यह आंकड़ा महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों की तुलना में कहीं अधिक है, जहां यह प्रतिशत केवल 25-35% तक सीमित है। यह योगी सरकार के “हर घर रोशन” अभियान की सफलता और बिजली आपूर्ति को प्राथमिकता देने की नीतियों का प्रमाण है।
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति
- ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 18 घंटे बिजली आपूर्ति।
- तहसील मुख्यालयों में 21.5 घंटे बिजली।
- शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे निर्बाध आपूर्ति।
सरकार ने सुनिश्चित किया है कि सभी क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता एक समान हो और किसी भी उपभोक्ता को किसी तरह की समस्या न हो।
- ऊर्जा क्षेत्र में निवेश और सुधार
- योगी सरकार ने बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए 46,000 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की।
- आरडीएसएस योजना: 16,500 करोड़ के कार्य।
- स्मार्ट मीटर योजना: 2.85 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य प्रगति पर।
- विद्युत प्रणाली का आधुनिकीकरण: नोएडा, कानपुर, और वाराणसी में नवीन तकनीक का उपयोग।
- राजस्व वसूली में भी सुधार हुआ है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 84.36% तक पहुंच गई।
उपलब्धियों का श्रेय दूरदर्शी नीतियों को
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश न केवल ऊर्जा आपूर्ति में आत्मनिर्भर बना है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत कर रहा है।
देश-दुनिया से जुड़े राजनीतिक और सामयिक घटनाक्रम की विस्तृत और सटीक जानकारी के लिए जुड़े रहें विश्ववार्ता के साथ। ताज़ा खबरों, चुनावी बयानबाज़ी और विशेष रिपोर्ट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।
विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल