लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मिशन शक्ति के तहत परिषदीय विद्यालयों की छात्राओं को साइबर अपराधों और घोटालों से सुरक्षित रहने के लिए जागरूक करने की एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। इस अभियान का उद्देश्य डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति छात्राओं को सचेत करना और उन्हें बचाव के उपायों से लैस करना है।
अभियान के मुख्य बिंदु
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि इस अभियान के तहत छात्राओं को 10 प्रमुख साइबर घोटालों की जानकारी दी जा रही है। इनमें शामिल हैं:
- ट्राई फोन घोटाला: ठग फ़र्जी कॉल करके दावा करते हैं कि उनका मोबाइल नंबर निलंबित किया जाएगा। छात्राओं को बताया जा रहा है कि ट्राई ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करता है।
- पार्सल ठगी: ठग पार्सल अटकने के बहाने पैसे मांगते हैं। छात्राओं को सलाह दी गई है कि वे ऐसे कॉल्स को नजरअंदाज करें और तुरंत रिपोर्ट करें।
- डिजिटल गिरफ्तारी: नकली पुलिस अधिकारी बनकर ठग ऑनलाइन पूछताछ के झांसे में डालते हैं। छात्राओं को सतर्क रहना है कि पुलिस कभी भी डिजिटल कार्रवाई नहीं करती।
- क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी: ठग फ़र्जी क्रेडिट कार्ड से बड़े लेन-देन की पुष्टि के लिए कॉल करते हैं। इस स्थिति में तुरंत बैंक से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
- सोशल मीडिया ट्रेडिंग घोटाला: तेज मुनाफे वाली योजनाओं के प्रति सतर्क रहना आवश्यक है, क्योंकि इनमें धोखाधड़ी की संभावना होती है।
- बैंकिंग विवरण ठगी और केवाईसी: छात्राओं को बताया जा रहा है कि संदिग्ध कॉल्स और लिंक पर क्लिक न करें और बैंकिंग लेन-देन की पुष्टि हमेशा सीधे बैंक से करें।
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सुरक्षा सुझाव
छात्राओं को दिए गए सुरक्षा के सुझावों में शामिल हैं:
- किसी भी कार्रवाई से पहले जानकारी की सत्यता जांचें।
- संदिग्ध कॉल्स और लिंक पर क्लिक न करें।
- उच्च-रिटर्न वाली योजनाओं से सतर्क रहें।
- केवाईसी अपडेट के लिए व्यक्तिगत रूप से बैंक जाएं।
- अपने बैंक और व्यक्तिगत जानकारी फोन पर साझा न करें।
रिपोर्टिंग की प्रक्रिया
छात्राओं को साइबर अपराधों और घोटालों की रिपोर्टिंग के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1800114000) और साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) के माध्यमों की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन को देने की सलाह दी जा रही है।
इस पहल के माध्यम से योगी सरकार का उद्देश्य न केवल छात्राओं को साइबर सुरक्षा की जानकारी प्रदान करना है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना भी है। यह अभियान न केवल बेटियों को सुरक्षित रखने में मदद करेगा, बल्कि उनके परिवारों को भी साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करेगा।