वैसे तो सेकंड वर्ल्ड वॉर की शुरुआत 1 सितंबर 1939 से हुई थी, जो छह सालों बाद सितंबर में ही 1945 में ही खत्म हुआ। दिसंबर (1941) का महीना इस जंग के लिए सबसे खतरनाक साबित हुआ था। क्योंकि, इसी दरमियान पर्ल हॉर्बर (7 दिसंबर) और नानजिंग नरसंहार (13 दिसंबर) जैसी बड़ी घटनाएं हुईं। पर्ल हॉर्बर की घटना से ही पहली बार परमाणु बम का इस्तेमाल किया गया।
ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने भी इसी महीने जंग में जापान के खिलाफ जंग छेड़ दी थी। सेकंड वर्ल्ड वॉर की शुरुआत 1 सितंबर 1939 से हुई, लेकिन इसकी जमीन 1937 में ही तैयार हो गई थी।
जब जर्मनी ने आस्ट्रिया को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद चेकोस्लोवाकिया के कई हिस्सों पर भी अपना कब्जा कर लिया। इसके बाद पोलैंड के कुछ हिस्सों पर कब्जा जमकार इसका कुछ भाग रूस के हवाले कर दिया।