भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को कई दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के कार्यकर्ताओं को साइबर वारियर करार देते कहा कि सोशल मीडिया में इतनी ताकत है कि वह पूरे परिदृश्य को बदल सकता है। शाह ने पार्टी की सोशल मीडिया सेल को 2019 के चुनाव के ध्यानार्थ उचित आंकड़ों के आधार पर विपक्ष को मुंहतोड़ जवाब देने को कहा है।
भाजपा के सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए रविवार को अमित शाह ने कहा कि भाजपा का सुनहरा दौर आना अभी बाकी है। चूंकि दक्षिणी राज्यों के साथ ही पश्चिम बंगाल को भी अब भगवा दायरे में आना बाकी है। भाजपा के एक कार्यकर्ता ने बताया कि अमित जी ने सोशल मीडिया के कार्यकर्ताओं को 2019 के आम चुनावों के लिए तैयार रहने को प्रेरित किया। उन्होंने हम सबसे कहा कि हम सब खुद को अपडेट रखने पर ध्यान दें। ताकि विपक्ष को उचित आंकड़ों के साथ जवाब दें।
बैठक में भाग लेने वाले एक कार्यकर्ता ने बताया कि शाह ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह सभी राज्य सरकारों के प्रदर्शन का केंद्र सरकार के साथ तुलनात्मक विश्लेषण करें और उसे आम लोगों तक ले जाएं। अगर शरद पवार (राकांपा प्रमुख) किसानों के बारे में बात करें तो हमें (आंकड़ों के साथ) यह कहना होगा कि आपके समय में कितने किसानों ने आत्महत्या की थी और फडणवीस सरकार के कार्यकाल में कितनों ने की। फडणवीस सरकार के कार्यकाल में किसानों की आत्महत्या में 35 फीसदी की कमी आई है।
बैठक में शामिल हुए एक अन्य कार्यकर्ता ने अमित शाह के हवाले से बताया कि पिछले चार सालों में केंद्र और महाराष्ट्र सरकार ने लोगों के लिए बहुत काम किया है। इसलिए कार्यकर्ता पूरे गौरव के साथ मतदाताओं तक जा सकते हैं। अमित शाह ने कहा कि भाजपा अधिकतम राज्यों में सत्ता में है और केद्र में भी उसकी सत्ता है। भाजपा को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का भी गौरव हासिल है। उन्होंने कहा, ‘मैं अब भी नहीं मानता कि यह भाजपा का सुनहरा दौर है। चूंकि भाजपा का विजय रथ अभी पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में भी पहुंचाना है।’ शाह ने कार्यकर्ताओं को हरेक मिनट के हिसाब से योजना बनाने को कहा। साथ ही आंकड़ों के विश्लेषण के साथ आंतरिक संचार भी और बेहतर बनाना सुनिश्चित करने को कहा है।
मोदी की नीतियों में चाणक्य का अर्थतंत्र
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पुणे में आचार्य चाणक्य जीवन और कार्य विषय पर आयोजित परिचर्चा में कहा कि आर्य चाणक्य के विचार और उनकी नीतियां जितनी प्रासंगिक 2400 वर्ष पूर्व थीं, उतनी ही आज भी हैं और हजारों साल बाद भी उतने ही प्रासंगिक रहेंगी। प्रधानमंत्री मोदी की लोक-कल्याणकारी नीतियों में आर्य चाणक्य का अर्थतंत्र झलकता है।
चाणक्य ने ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में ही राज शासन में परिवारवाद को खत्म करने की परिकल्पना की थी। दुनिया के सभी राष्ट्र जियो पॉलिटिकल देश हैं, केवल भारत ही जियो कल्चरल देश है। चाणक्य के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम भारत माता को पुन: विश्वगुर के पद पर प्रतिष्ठित करने के लिए कृतसंकल्पित हैं।