भोपाल/गुना। बाजार में 10 रुपए के सिक्के को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सब्जी मंडी सहित कई जगह 10 रुपए के सिक्केे बंद होने की बात कहकर स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। लेकिन बैंक अधिकारियों का कहना है सिक्के बंद नहीं हुए हैं, ये केवल अफवाह है। भारतीय मुद्रा को लेने से मना नहीं किया जा सकता है।
हालांकि कुछ दुकानदारों का कहना है कि नकली होने के डर के कारण वे सिक्के लेने में हिचक रहे हैं। जिले के लीड बैंक अधिकारी राजीव ठक्कर ने अफवाह की तमाम खबरों पर विराम लगाते हुए साफ किया है कि न तो आरबीआई ने और ना ही सरकार ने सिक्के बंद करने जैसा कोई नोटिफिकेशन जारी किया है। ऐसे में भारतीय मुद्रा को लेने से मना नहीं किया जा सकता। जब बैंक ही मना नहीं कर रहे हैं तो आम व्यापारी या दुकानदार कैसे कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी बैंकों में 10 रुपए के सिक्के स्वीकार किए जा रहे हैं।
असली और नकली सिक्कों की पहचान भी बहुत आसान है। सिक्के पर यदि रुपए का निशान (र) है और 10 के अंक के ऊपर 10 लाइन हैं तो वह असली है। जबकि नकली पर रुपए का निशान नहीं है। साथ ही उसमें 10 के अंक के ऊपर 15 लाइनें हैं। वहीं सिक्के के दूसरी ओर असली सिक्के में भारत और इंडिया अलग-अलग लिखा है, जबकि नकली में एक साथ लिखा हुआ है। बाजार में फैले भ्रम के कारण कई दुकानदार 10 रुपए का असली सिक्का नहीं ले रहे हैं, जो दुकानदार 10 रुपए का सिक्का ले रहे हैं, उनसे वापस ग्राहक नहीं ले रहा है। ऐसे में उन व्यापारियों पर 10 रुपए के सिक्कों का ढेर लग गया है। 10 के सिक्कों को लेकर शहर के कुछ हिस्सों में ज्यादा डर है। मसलन बाजार में, जहां लोग खरीददारी करने आते हैं तो लोगों में इन सिक्कों का डर ज्यादा है। यहां दुकानदार या ग्राहक एक दूसरे से सिक्के की जगह नोट ही मांगते हैं। एक दुकानदार का कहना है कि अचानक ही यह स्थिति पैदा हो गई। हमारे सामने उन्होंने एक चाय वाले को सिक्का देने की कोशिश की तो उसने मना कर दिया। उसका कहना था कि यह सिक्के सभी लेने से इंकार कर रहे हैं। इस वजह से अधिकांश लोगों को 10 रुपए के सिक्कों का ढेर लगा हुआ है।