पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि उनका राज्य किसानों और जल संरक्षण के मुद्दों को हल करने के लिए इजराइल की तकनीक का इस्तेमाल कर सकता है. उन्होंने यहूदी देश की यात्रा के पहले दिन को ‘अत्यंत उपयोगी’ बताया. अमरिंदर सिंह इजराइल की तीन दिवसीय यात्रा पर रविवार की शाम को यहां पहुंचे.
उन्होंने सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘इजराइल में पहला दिन अत्यंत उपयोगी रहा. निवेश संबंधी कुछ अहम वार्ताओं से शुरुआत हुई. उसके बाद नानदानजैन इरीगेशन फार्म और डान रीजन जल शोधन संयंत्र का दौरा किया. उन्होंने कहा कि अपराध रोकने के लिए नई प्रौद्योगिकियों पर गृह सुरक्षा विभाग की प्रस्तुति से प्रभावित हुआ हूं.’
पंजाब के मुख्यमंत्री ने अपनी आधिकारिक यात्रा की शुरुआत करते हुए इजराइली निवेशकों से ढांचागत विकास, आवासीय ऊर्जा, जल आपूर्ति और सिंचाई जैसे क्षेत्रों में अपने राज्य के लिए निवेश मांगा. उन्होंने पंजाब के ढांचागत क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर चर्चा करने के लिए इज़राइल के टायरोज इंटरनेशनल ग्रुप लिमिटेड के अधिकारियों से मुलाकात की.
पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह और उनके साथ आया उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को ‘पंजाब में निवेश के अवसर’ सम्मेलन में भाग लेगा. इस सम्मेलन का मकसद इज़राइली निवेशकों को पंजाब में निवेश के लिए आकर्षित करना है. सिंह ने नानदानजैन इरीगेशन लिमिटेड के फार्मों पर जाकर खेती और बागवानी के लिए अपनाई गई नई तकनीकों को देखा.
वह दान क्षेत्र में जल शोधन संयंत्र (शफडान) भी गए. शफडान इज़राइल में सबसे बड़ा जल शोधन संयंत्र है. सिंह ने कहा कि जल संरक्षण की तकनीकों को सीखना उनके राज्य के लिए प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने इज़राइल की राष्ट्रीय जल कंपनी मेकोरॉट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एहुद हालेल से भी मुलाकात की. सिंह राज्य में निवेश आकर्षित करने के अलावा कृषि, बागवानी, डेयरी कृषि और जल शोधन प्रबंधन के क्षेत्र में यहूदी देश के साथ सहयोग मजबूत करने के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं.
प्रतिनिधिमंडल ने इजराइल की उन कंपनियों के साथ भी बातचीत की जो गृह सुरक्षा के क्षेत्र में माहिर हैं ताकि पंजाब की आतंरिक सुरक्षा को मजबूत बनाया जा सकें. इजराइल के राष्ट्रपति रुवन रिवलिन मंगलवार को पंजाब के नेता और उनके प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे. इसके बाद सिंह वह कब्रिस्तान जाएंगे जहां 1918 में हाइफा की आजादी की लड़ाई के दौरान अपनी जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों के शव दफनाए गए थे. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय मंगलवार की शाम को तेल अवीव विश्वविद्यालय, अरावा विश्वविद्यालय और गलिली अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान के साथ सहयोग के तीन समझौतों पर भी हस्ताक्षर करेगा