उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीटों बंटवारे को लेकर नाराज अनुप्रिया पटेल ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है. अनुप्रिया ने अपनी पार्टी अपना दल के प्रत्याशी बीजेपी उम्मीदवारों के सामने उतार दिया है. अपना दल का विद्रोह बीजेपी के लिए यूपी में बड़ा झटका है.
अपना दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता ब्रजेंद्र प्रताप सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी ने पूर्वांचल की चार सीटों पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा की है. दिलचस्प बात यह है कि अपना दल एनडीए में शामिल है. इस दल की प्रमुख अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार में मंत्री हैं.
इसमें वाराणसी के सेवापुरी से नील रतन सिंह पटेल और रोहनिया से उदय सिंह पटेल उतारा गया है. मिर्जापुर की चुनार विधानसभा से अनिल सिंह पटेल और मडिहान से शिवकुमार सिंह उर्फ पिंटू पटेल को प्रत्याशी घोषित किया है.
भाजपा ने रोहनिया से सुरेन्द्र सिंह औढे, चुनार से पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के पुत्र अनुराग सिंह और मडिहान से रमाशंकर पटेल को पहले ही प्रत्याशी घोषित किया है. सिर्फ सेवापुरी सीट पर भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है.
यूपी में सात चरणों में चुनाव
उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के अखिलेश धड़े के बीच गठबंध के बावजूद बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.
केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद जिस तरह से बीजेपी को दिल्ली और बिहार में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है, वैसे में उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
मुख्यमंत्री चेहरे को सामने न लाकर एक बार फिर बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर दांव खेला है. इसका कितना फायदा उसे इन चुनावों में मिलेगा वह 11 मार्च को सामने आ ही जाएगा.
ये होंगे मुद्दे
इस बार उत्तर प्रदेश चुनावों में समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के अलावा प्रदेश की कानून व्यवस्था, सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी और विकास का मुद्दा प्रमुख रहने वाला है. जहां एक ओर बीजेपी और बसपा प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर अखिलेश सरकार को घेर रही हैं, वहीं विपक्ष नोटबंदी के फैसले को भी चुनावी मुद्दा बना रहा है.
यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं. 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. पिछले चुनावों में बसपा को 80, बीजेपी को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को 9 और अन्य को 24 सीटें मिलीं थीं.