नई दिल्ली। शनिवार को जम्मू और कश्मीर के पंपोर में सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 3 जवान शहीद हो गए। जम्मू और कश्मीर में इस साल अब तक आतंकी हमलों में 87 जवान शहीद हो चुके हैं। शहीदों में 6 अफसर भी शामिल हैं।
पुलवामा में सर्च ऑपरेशन जारी-
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में शनिवार को दोपहर के वक्त श्रीनगर-जम्मू हाईवे से गुजर रहे सेना के काफिले पर मोटरसाइकिल सवार 2 आतंकियों ने हमला किया था।
हमले के बाद आतंकी फरार हो गए थे। एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी के दौरान राजमार्ग पर काफी लोग होने के कारण सेना जवाबी कार्यवाही नहीं कर सकी। इस मौके का फायदा उठाकर आतंकी भागने में सफल हो गए। सुरक्षा बल इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।
2008 के बाद किसी एक साल में सुरक्षा बलों की शहादत का ये सबसे बड़ा आंकड़ा है। सितंबर में उरी में आर्मी कैंप पर आतंकी हमले में ही 19 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के बाद भारतीय सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी। सेना ने पीओके में घुसकर कई आतंकी कैंपों को नेस्तनाबूद किया था, लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से सुरक्षा बलों पर आतंकी हमलों की वारदातों में भी इजाफा हुआ है।
टेरर वाच डेटा साइट SATP के मुताबिक 2016 में जम्मू और कश्मीर में पिछले हफ्ते तक कुल 84 जवान शहीद हुए थे। 2008 में 90 जवान शहीद हुए थे। मुंबई हमले की वजह से उस साल भी भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था।
2009 में सूबे में 78 जवान आतंकी हमलों में शहीद हुए थे, 2010 में 67 और 2011 में 30 जवान शहीद हुए थे। 2012 में सूबे में सुरक्षा बलों को कम नुकसान झेलना पड़ा था। उस साल आतंकी हमलों में 17 जवान शहीद हुए थे। 2013 में ये आकड़ा 61 था तो 2014 में 51 और 2015 में 41 रहा।