जाकिर के नापाक मंसूबों पर सरकार ने चाबुक चला दिया है। उसके द्वारा संचालित इस्लामिक रिसर्च फांउडेशन को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही नाईक का एक पीस नाम से टीवी चैनल भी संचालित होता है, उसका प्रसारण भी भारत में रोक दिया गया है। सरकार ने उनके सभी संस्थानों पर जांच का पहरा बैठा दिया है। जाहिर को कहां से फंड मिलता था और कौन-कौन उसे फंडिंग करता था सभी के खाते खंगाले जा रहे हैं। उसके कुछ सहयोगी भी भारत में मौजूद हैं उनकी भी धरपकड़ की जा रही है। कुछ सहयोगियों ने पाला बदलकर सरकार का सहयोग करने की हामी भर ली है। कुछ भूमिगत हो गए हैं।
कुछ माह पहले बंगलादेश की राजधानी ढाका में हुए आतंकी हमले में शामिल सभी आतंकी जाकिर नाईक के विचारों से प्रभावित थे। ये सब जाकिर की धार्मिक आडंबर के ठोगी होने का प्रमाण है। खैर, अब सरकार ने नाईक को चारो ओर से घेर लिया है। सरकार ने उनके दस विवादित वीडियों की जांच की है जिसमें पाया गया है कि उनके उनके सभी भाषण भड़काने काम कर रहे हैं। विवादित मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक पर शिकंजा कसना अब तेज शुरू हुआ है।
नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने उनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने समेत कई संगीन मामलों में मुकदमा दर्ज किया है। नाइक के खिलाफ धारा 153 ए और यूएपीए एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। दर्ज हुई एफआईआर में कहा गया है कि नाइक मुस्लिम युवाओं को गैरकानूनी और आतंकवादी गतिविधियों के लिए उकसाता था। एफआईआर दर्ज करने के साथ ही एनआईए ने जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फांउडेशन पर छापेमारी भी शुरू कर दी है।
विभाजनकारी बयानों का राजा जाहिर इस समय भारत से बाहर है। एनआईए जल्द ही उसे नोटिस भेजकर तलब करने की कोशिश करेगी। एनआईए के बुलावे पर अगर वह भारत नहीं आता तो उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया जा सकता है। जाकिर के खिलाफ कार्रवाई करने पर भारत सरकार के इस कदम को कई मुस्लिम देश भी समर्थन कर रहे हैं। जाकिर नाईक इस समय साउदी में कहीं छिपा है। साउदी सरकार से भारत सरकार संपर्क कर रही है।