लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग महकमा खटारा एम्बुलेंस के मामले मे कार्यवाही करने के लिए अब जिलें के सीएमओ की रिर्पोट का इंतजार करेंगा।
कंपनी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से स्वास्थ्य विभाग ने सीएम योगी के हाथों शुक्रवार को एएलएस ग्यारह खटारा ए बुलेंस का शुभआरभ करवा दिया। और अब दोषी जीवीके ईएमआरआई कंपनी के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय उसे बचाने में लगा है।
शुक्रवार को सीएमयोगी ने ७५ जिलों के लिए १५० एएलएस ए बुलेंस का शुभआर भ किया गया है। जिसमें गोरखपुर समेत छह जिलो की ए बूलेंस की हालत खस्ता हो गयी।
किसी ए बुलेंस के दरवाजे खिड़की हिल गए तो किसी का दरवाजा बन्द ही नहीं हुआ, गोमती नगर में ए बुलेंस के आक्सीजन सेलेन्डर तक सड़क पर ढेर हो गए।
इतना ही नहीं गोरखपुर, जालौन अ बेडकरनगर, अमेठी, चित्रकुट और हरदोई में तो एएलएस के नाम पर खाली ए बुलेंस ही भेज दी गयी। स्वास्थ्य विभाग को जब इसकी भनक लगी तो ए बुलेंस को वापस बुलाकर उसे दुरूस्त किया गया और शुक्रवार रात उन्हे जिले में वापस भेज दिया गया।
जीवीके ईएमआरआई क पनी को सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत इस क पनी को दो साल पहले ए बुलेंस का काम दिया गया था। दो साल में यह क पनी एडवांस लाइफ सर्पोट तक नहीं कर पाई। और अनन फनन में आधी अधुरी ए बुलेंस स्वास्थ्य विभाग को सौप दी और स्वास्थ्य विभाग ने खटारा ए बूलेंस का शुभआर भ भी योगी के हाथो करवा दिया।
मामला संज्ञान में आने पर भी स्वास्थ्य विभाग क पनी के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय दागी क पनी को बचाने में लगा है। और कार्यवाही करने से बच रहा है। और सीएमओं की रिर्पोट का इंतजार कर रहा है।
प्रमुख सचीव अरून कुमार सिन्हा का कहना है कि क पनी ने ए बुलेंस को दुरूस्त कर शुक्रवार रात जिलों में भेज दिया है। जिलें के सीएमओ से ए बूलेंस की रिर्पोट मांगी जाएगी। उस आधार पर कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल क पनी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी।
दागी क पनी खिलाफ इससे पहले भी फर्जीवाड़े के मामले सामने आ चुके है। पैसा बचाने के चक्कर में क पनी ए बुलेंस के मेंटेनेस से लेकर रिर्काड के छेड़छाड़ तक शामिल है इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की अधिकारियों की मिली भगत से सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट कांट्रेक्ट दागी क पनी को थमा दिया गया।
एम्बुलेंस में इन उपकरणो की थी कमी
दो साल में क पनी वेंटीलेटर, डिफैबिलेटर, सक्शन मशीन, स्ट्रेचर एडवांस मेडिकेशन सिस्टम, एडवांस कार्डियक, पीडियाट्रिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम, इसीजी और कार्डियक मांनीटर तक ए बूलेंस फिट नहीं कर सकी। और अनन फनन में आधुरी ए बुलेंस ही स्वास्थ्य विभाग को सौप दी।
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