नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद किसानों को बडी राहत देते हुए आज घोषणा की कि रबी मौसम की बुवाई के लिये किसानों द्वारा जिला सहकारी बैंकों तथा प्राथमिक समितियों से लिये गये फसल कर्ज पर दो महीने के ब्याज भुगतान का बोझ सरकार खुद उठायेगी।
नये साल की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि तीन महीने के भीतर तीन करोड ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ को रुपे कार्ड में तब्दील किया जाएगा। इससे किसान कहीं से भी खेती के लिये खाद, बीज आदि खरीद सकेंगे। जिला सहकारी बैंकों तथा समितियों को वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिये नाबार्ड को 20,000 करोड रपये अतिरिक्त उपलब्ध कराये जायेंगे।
मोदी ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सप्ताह में यह धारणा बनाने की कोशिश की गयी कि कृषि क्षेत्र बर्बाद हो गया। ऐसा कहने वालों को किसानों ने खुद ही जवाब दे दिया। रबी फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 6 प्रतिशत अधिक हुई है जबकि इस दौरान उर्वरकों का उठाव भी नौ प्रतिशत बढा है।
” सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिये कदम उठाया है कि किसानों को बीज, खाद और कर्ज के अभाव में परेशान नहीं होना पडे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अब हमने किसानों के हित में कुछ और फैसले किये हैं। जिन किसानों ने रबी फसल के लिये जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों तथा सहकारी समितियों से कर्ज लिया है, उन्हें ऐसे कर्ज पर 60 दिन का ब्याज नहीं देना होगा।
” उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने पिछले दो महीने के दौरान ब्याज का भुगतान किया, उन्हें वह पैसा सीधे उनके बैंक खाते में मिल जाएगा। मोदी ने कहा, ‘‘किसानों को जिला सहकारी बैंकों तथा प्राथमिक समितियों से आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने के लिये व्यवस्था की जा रही है।
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