मालदा। रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि धीरे-धीरे पैसों की राशि में बढ़ोत्तरी की जाएगी। दरअसल रिजर्व बैंक ने मालदा के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अपनी आवश्कता के अनुरूप पैसे मांगे जाने के सिलसिले में ये बातें कही।
गौरतलब है कि 500 व 1000 रूपये के नोट बंद किये जाने के बाद लोगों के समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है। रविवार को बैंक बंद रहे, इसलिए लोग सोमवार को पैसा मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।
हालांकि सोमवार को भी बैंकों से सभी को पैसे मिले यह कोई जरूरी नहीं है। पैसा नहीं मिलने से लोग बैंक के खिलाफ गुस्सा उतार रहे हैं, जबकि बैंक प्रबंधन का कहना है कि रिजर्व बैंक से जरूरत के हिसाब से बैंकों को पैसे नहीं मिल रहे हैं, इसलिए इसमें उनके करने लायक कुछ नहीं है।
देश का अग्रणी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लोगोें को सबसे ज्यादा उम्मीद होती है, लेकिन यह बैंक भी लोगों की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, मालदा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नोटबंदी के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मालदा शाखा की ओर से रिजर्व बैंक को दो बार पैसे को लेकर पत्र व्यवहार किया गया।
पहली बार 20 करोड़ रूपये व दूसरी बार 15 करोड़ रूपये भेजे जानेकी मांग की गयी, लेकिन नवंबर के दूसरे सप्ताह में 11 करोड़ व उसके 10 दिनों के बाद दूसरी बार 3 करोड़ रूपये भेजे गये। एसबीआई मालदा की ओर से फिर से 20 करोड़ रूपये की मांग की गई है।
रिजर्व बैंक की ओर से सिर्फ इतना ही कहा जा रहा है कि धीरे-धीरे पैसों की रशि में बढोत्तरी की जाएगी। एसबीआई की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि उनके एटीएम तो खुल रहे हैं, लेकिन दूसरे बैंकों के एटीएम नहीं खुलने से उनकी परेशानी बढ रही है। अन्य बैंकों के ग्राहक एसबीआई के एटीएम से पैसे निकाल ले जा रहे हैं।
जब तक सभी बैंकों के एटीएम नहीं खुलेंगे तब स्थिति स्वभाविक नहीं होगी। वहीं कहा जा रहा है कि मालदा सीमावर्ती इलाका है, इसलिए यहां आवश्यकता से कही कम पैसे दिए जा रहे हैं। जबकि अन्य जिलों के बैंकों में इतनी खराब स्थिति नहीं है।