मुश्किल हालात में शिखर धवन की खराब तकनीक, ईशांत शर्मा और रविचंद्रन अश्विन की फिटनेस पर चर्चा होने की उम्मीद है. वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट चार से आठ अक्टूबर तक राजकोट जबकि दूसरा टेस्ट 12 से 16 अक्टूबर तक हैदराबाद में खेला जाएगा. इसके बाद पांच वनडे और तीन टी-20 मैच खेले जाएंगे.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने हालांकि यहां होने वाली बैठक को लेकर कोई मीडिया सलाह जारी नहीं की है जबकि वह पहले ऐसा करता रहा है. बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार पांच सदस्यीय समिति कल टीम का चयन कर सकती है लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा के लिए 28 सितंबर तक का इंतजार किया जा सकता है जिस दिन एशिया कप का फाइनल खेला जाएगा.
माना जा रहा है कि इसका एक मुख्य कारण टेस्ट टीम में शिखर धवन का चयन है, जबकि ईशांत (टखने में चोट) और अश्विन (ग्रोइन की चोट) के पास चोटों से उबरने के लिए अधिक समय नहीं है.
दो टेस्ट की इस सीरीज को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज का पूर्वाभ्यास माना जा रहा है और चयनकर्ता उन सभी खिलाड़ियों को मौका देना चाहेंगे जिन्हें वे ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए अहम मान रहे हैं. मुरली विजय ने काउंटी क्रिकेट में रन जुटाए हैं, लेकिन हाल में उन्हें बाहर किए जाने के कारण उनके लिए वापसी करना मुश्किल है.
ओवल में लोकेश राहुल की 149 रन की पारी ने सलामी बल्लेबाज के रूप में उनकी जगह लगभग पक्की कर दी है, लेकिन चिंता शिखर धवन को लेकर है. सपाट पिचों पर शिखर धवन की क्षमता से सभी वाकिफ हैं और मौजूदा एशिया कप में उन्होंने इसे एक बार फिर साबित किया है. लेकिन तेज गति से गेंद स्विंग या सीम लेती है तो उनकी तकनीक पर सवाल उठते हैं और यही कारण है कि वह उपमहाद्वीप के बाहर विफल रहे हैं. इंग्लैंड के खिलाफ पिछली सीरीज की आठ पारियों में वह एक भी अर्धशतक जड़ने में नाकाम रहे थे.पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल जैसे युवाओं ने ढेरों रन बनाए हैं और उन्हें मौका मिलने का इंतजार है. पृथ्वी को इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम दो टेस्ट के लिए भारत की टीम में शामिल किया गया था और वह उम्मीद कर रहे होंगे कि राजकोट में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्हें टेस्ट पदार्पण का मौका मिलेगा