सरकार ने फसलों की खरीद के मामले में काफी सख्ती बरतते हुए यह नियम बना दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम कीमत पर अगर कोई व्यापारी खरीद करते पकड़ा जाएगा तो उसे एक साल की जेल की सजा होगी.
गौरतलब है कि खरीफ सीजन की फसल आने में बस एक महीना ही बचा है. इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति पैदावार तय एमएसपी से कम पर नहीं खरीदेगा, चाहे वह व्यापारी ही क्यों न हो. अगर कोई ऐसा करता पकड़ा गया तो उसे एक साल की जेल की सजा हो सकती है और 50,000 रुपये जुर्माना भी देना पड़ सकता है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, बुधवार को एक कैबिनेट मीटिंग के बाद राज्य सरकार ने महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है. इससे होगा यह कि अब ऐसे किसी ‘बाजार क्षेत्र’ का अलग से कोई निर्धारण नहीं होगा जहां जिंसों की खरीद-बिक्री की जाती हो.
इसकी जगह अब पूरे राज्य को ही एक बाजार माना जाएगा और व्यापारियों को किसी एपीएमसी बाजार में कारोबार के लिए अलग से लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी. यानी इससे व्यापारियों के लिए भी एक तरह की सहूलियत है. वे महाराष्ट्र की किसी भी मंडी से खरीद कर सकेंगे.
सरकार की नई एमएसपी नीति को लागू करने की जिम्मेदारी अब सिर्फ सरकारी खरीद एजेंसियों की ही नहीं, बल्कि निजी व्यापारियों की भी होगी. इसका किसानों को काफी फायदा मिल सकता है.
उदाहरण के लिए फिलहाल महाराष्ट्र के अकोला, लातूर और अमरावती जैसे बाजारों में तूर दाल 3,600 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है. यह केंद्र सरकार द्वारा तय एमएसपी 5,675 रुपये से काफी कम है. पिछले साल पीक सीजन के दौरान तिलहन 2,600 से 2,700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था, जबकि उसके लिए एमएसपी 3,050 रुपये तय किया गया था.