मुख्तार अंसारी की कौमी एकता दल का बहुजन समाज पार्टी में विलय हो गया है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने माफिया मुख्तार अंसारी को पार्टी में शामिल करते हुए मऊ सदर सीट से उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने का ऐलान कर दिया है. मायावती ने साथ ही मुख्तार के बेटे और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी अब्बास अंसारी व भाई सिग्बतुल्ला अंसारी को भी पार्टी ने टिकट दिया है.
इस दौरान मायावती ने साफ किया कि इन पर दर्ज ज्यादातर मुकदमे द्वेषवश दर्ज हैं और कृष्णानन्द राय हत्याकांड में शामिल होने का आज तक कोई साक्ष्य नहीं मिला है.
मायावती ने कहा कि अपनी सरकार के दौरान मैंने शातिर अपराधियों की बुरी संगत में पड़े लोगों को भी सुधारने का पूरा प्रयास किया. यह भी ध्यान रखा कि किसी भी समाज या किसी भी धर्म के प्रभावशाली व्यक्ति के उसके किसी विरोधी द्वारा जबरदस्ती गंभीर आरोप लगाकर जेल भिजवा दिया है, तो उन्हें इंसाफ दिलाने की मेरी सरकार ने पूरी कोशिश की है.
इसका साफ उदाहरण मुख्तार अंसारी का परिवार है. इनके खिलाफ लोगों ने साजिशन मुकदमे दर्ज कराकर राजनीतिक रूप से खत्म कराने की कोशिश की.
कुछ समय पहले ये बसपा में आए थे लेकिन बाद में इन्होंने सपा के दबाव में पार्टी छोड़ दी थी. अब इन्होंने अपनी गलती मान ली है और इन्हें बसपा में फिर से शामिल किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी परिवार को कृष्णानंद राय की हत्या से जोड़कर देखा जाता है. यह घटना 2002 में सपा सरकार के दौरान घटी थी. कई साल गुजर गए हैं. मामले की जांच सीबीआई कर रही है लेकिन आज तक कोई पुख्ता सबूत इनके खिलाफ पेश नहीं किया जा सका है. इसी को ध्यान में रखते हुए इन्हें पार्टी में ज्वाइन करा रही हूं.
मायावती ने कहा कि मऊ सदर सीट से विधायक मुख्तार अंसारी और घोसी सीट से मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को टिकट दिया जा रहा है. अब्बास अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं.
गाजीपुर के महमूदाबाद से सिग्बतुल्ला अंसारी को बसपा से टिकट दिया जा रहा है.
मायावती ने कहा कि अतीक अहमद, बृजभूषण शरण सिंह, धनंजय सिंह, रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, डीपी यादव आदि को कभी बसपा में शामिल नहीं किया जाएगा. आपराधिक छवि वाले किसी भी शख्स को तब तक शामिल नहीं किया जाएगा. जब तक ये सार्वजनिक तौर पर अपना काम बंद नहीं करेंगे.
लेकिन इनके कृत्यों की सजा इनके परिवार को नहीं मिलनी चाहिए. हालांकि इनमें से कई ने मेरी सरकार के आगे घुटने टेके और हमने इन्हें पार्टी में जगह दी. लेकिन फिर इन्होंने अपना पुराना कृत्य करना शुरू कर दिया, जिसके बाद इन्हें पार्टी से निकाल दिया गया. इसके साथ ही मायावाती ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज सभाजीत यादव को भी बसपा में ज्वाइन कराया.
इस दौरान मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने कहा कि उन्हें समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह यादव ने धोखा दिया. सीट देने का ऐलान करने के बाद उन्हें मना कर दिया गया. जब उन्हें समर्थन की जरूरत थी तो हमने हस्ताक्षकर करवा लिए बाद में मना कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि मुलायम सिंह यादव ने खुद व्यक्तिगत तौर पर और सावर्जनिक तौर पर कहा है कि अखिलेश मानसिक रूप से अल्पसंख्यकों का विरोधी है.