प्रदेश की करीब ढ़ाई दर्जन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की खास नजर है। गठबंधन की प्रतीक्षा किए बगैर पार्टी ने इन सीटों पर चुनाव लड़ने वाले नेताओं को तैयारी करने के लिए कह दिया है। ये लोकसभा सीटें वे हैं जिन पर पार्टी को नतीजे मिलने की पूरी उम्मीद है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में बीते दिनों हुई पहली केन्द्रीय कार्यसमिति की बैठक में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के वृहद गठबंधन पर सैद्धांतिक मोहर लग चुकी है। सियासी हलकों में चर्चा है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन में कांग्रेस भी शामिल रहेगी। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ प्रदेशों में विधानसभा चुनाव हैं। तीनों ही प्रदेशों में भाजपा की सरकार है।
ऐसे में यूपी से पहले इन प्रदेशों में विपक्षी दलों के गठबंधन की परीक्षा है। निगाहें इस पर हैं कि इन प्रदेशों में कांग्रेस बसपा या किसी और राजनीतिक दल से गठबंधन करने में सफल रहती है या नहीं। यूपी की बारी इसके बाद आएगी। पडरौना, कानपुर, बाराबंकी, धौरहरा, फैजाबाद समेत ढ़ाई दर्जन सीटों पर चुनावी नतीजे पक्ष में करने के लिए पार्टी ने सारा ध्यान केन्द्रित कर दिया है। पार्टी नेताओं को साफ कर दिया गया है कि गठबंधन पर दूसरे दल के नेताओं के भड़काने वाले बयानों पर भी कतई प्रतिक्रिया न दें।
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