नई दिल्ली । उरी हमले की पृष्टभूमि में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षा हाई टेक बनाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को कड़े निर्देश दिए । श्री सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के साथ हुईं बैठक में पूर्व केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता समिति की सिफारिशों को लागू करने को कहा है । पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद श्री गुप्ता की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया गया था ।
जहाँ बाड़ नहीं हैं वहां होंगी लेज़र वाल-
श्री सिंह ने सुरक्षा को लेकर एक और समिति गठित की हैं । सीमा पर बाड़ को हाई टेक करने का निर्देश दिया गया हैं और जहाँ जहाँ बाड़ नहीं हैं वहाँ पर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की जायेगी । जहाँ बाड़ नहीं हैं वहां पर लेज़र वाल खडी करी जायेगी । सीमा के पास वाली नदियों में अंडर वाटर और भूमिगत सेंसर्स लगाए जाएंगे। इलेक्ट्रो ऑप्टिक सेंसरों का भी इस्तेमाल किया जाएगा ।अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर निगरानी रखने के लिए माइक्रो एरोस्टेट बैलून की भी सहायता ली जायेगी ।
गौरतलब हो कि उरी में 18 सितम्बर को हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादी नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान से आए थे । इस हमले में 18 सैनिक शहीद हुए थे । समिति ने भारत-पाक सीमा के पास के कई इलाकों में खामियां और कमियां गिनाई और उन्हें दूर करने के सुझाव दिए । समिति ने सुझाव दिया कि लेजर वॉल जैसी वैज्ञानिक विधियों को घुसपैठ संभावित कई क्षेत्रों में नहीं लगाया जा सका है । जहां दुर्गम क्षेत्रों या छोटी नदियों के कारण बाड़ लगाने का काम भी नहीं हो सका है । समिति ने पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे चार राज्यों के लिए अलग-अलग सिफारिशें की क्योंकि हर राज्य की अलग समस्याएं और अलग भौगोलिक आकार हैं ।