लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को पांच कालीदास मार्ग पर ‘एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सेवा’ के शुभारम्भ करते हुए कहा कि आज बैसाखी के दिन यह सेवा शुरू हो रही है, इस बात की उन्हें खुशी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा विगत 2 वर्षो से यह एम्बुलेंस उपलब्ध करायी जा रही थीं, परन्तु पिछली सरकार ने इसे अस्वीकार करके राज्य की जनता को जीवन रक्षक प्रणाली से वंचित रखा। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी हो और वहां की सरकार केन्द्र द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उपलब्ध करायी जा रही सहायता को ठुकरा रही हो तो वह कैसी सरकार है और क्या वह जनता का हित चाहती है।
योगी ने कहा कि भारत का ढांचा फेडरल है। ऐसे में केन्द्र एवं राज्य की सरकारों को आपस में समन्वय स्थापित करने के साथ-साथ सहयोग करते हुए चलना होता है, अन्यथा केन्द्र एवं राज्य की आपसी असहमति में जनता को मुश्किलें होती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षो में प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाने का है, ताकि इसकी ‘बीमारू’ छवि बदल जाए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों की कर्जमाफी का यह निष्कर्ष निकाला जा रहा है कि सरकार अब जनता पर बोझ डालेगी। परन्तु ऐसा बिल्कुल नहीं है। उन्होंने कहा कि हम अनावश्यक खर्चो पर रोक लगाते हुए मितव्ययिता के माध्यम से इसकी भरपाई करेंगे।
योगी ने कहा कि आज इस अवसर पर 150 एम्बुलेंसों की शुरुआत की जा रही है। शीघ्र ही 100 अतिरिक्त एम्बुलेंसों को भी इस सेवा में लगाया जाएगा। यह सभी एम्बुलेंस केन्द्र सरकार द्वारा एनएचएम के तहत उपलब्ध करायी गयी हैं। यह एम्बुलेंस जीवन रक्षक उपकरणों से सुसज्जित हैं। यह एम्बुलेंस गम्भीर मरीजों, ऐसे दुर्घटनाग्रस्त लोगों, जिन्हें तत्काल मदद की आवश्यकता है, के बहुत काम आएगी, क्योंकि ‘गोल्डेन आवर’ अर्थात पहला घण्टा जिसमें यदि इलाज की व्यवस्था हो जाए तो मरीज की जान बच सकती है, के दौरान यह कारगर साबित होगी। सभी एम्बुलेंस जीपीएस से मानीटर होंगी। इस सेवा का संचालन जीवीके-ईए0आरआई के माध्यम से किया जाएगा। यह संचालन करने वाली एजेन्सी की जिम्मेदारी होगी कि वह यह सुनिश्चित करे कि इस सेवा के तहत संचालित एम्बुलेंस के सभी उपकरण सुचारु रूप से काम करें, अन्यथा उपकरणों में खराबी पाये जाने पर 10,000 रुपये का दण्ड देय होगा। इस सेवा के तहत संचालित एम्बुलेंसों के सभी कार्यो की लगातार मानीटरिंग की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इस सेवा के संचालन में लगे कर्मियों के मानदेय के भुगतान समयबद्ध ढंग से सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ‘108’ नम्बर की इस सेवा के तहत काल करने वाले के पास एम्बुलेंस 15 मिनट के अन्दर पहुंचेगी।
कार्यक्रम को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार गरीबों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हम टेक्नोलाजी का बेहतर उपयोग स्वास्थ सेवाएं उपलब्ध कराने में करेंगे। आज उपलब्ध करायी गयी 150 एम्बुलेंस में से 75 एम्बुलेंस वर्ष 2014-15 के दौरान तथा 75 एम्बुलेंस वर्ष 2015-16 के दौरान एनएचएम के तहत केन्द्र सरकार ने उपलब्ध करायी थीं, जिनका उपयोग पिछली सरकार ने नहीं किया और प्रदेश की जनता इस महत्वपूर्ण सेवा से वंचित रह गयी। प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा पूरा समर्थन दिया गया है। इस सेवा का उपयोग करते हुए दिल्ली से 200 किमी के दायरे में किसी मरीज को आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली तक भी पहुंचाने की व्यवस्था इसके तहत की गयी है। राज्य सरकार इस बात का पूरा प्रयास करेगी कि राज्य के सभी अस्पताल उच्च कोटि के बनें, जहां मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, ताकि उन्हें राज्य से बाहर न जाना पड़े।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने इस सेवा के ड्राइवरों को वाहनों की चाभियां भी मुहैया करवायीं। उन्होंने एक एम्बुलेंस का अवलोकन करने के पश्चात सभी वाहनों को झण्डी दिखाकर रवाना भी किया। उन्होंने अन्तिम एम्बुलेंस के सहायक के कंधे पर हाथ रखकर बधाई दी और सभी कर्मचारियों से ये कामना की कि वे मरीजों के लिए पूरी ईमानदारी व मेहनत से काम करेंगे। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, परिवार कल्याण मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, परिवार कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह सहित मंत्रिमण्डल के कई अन्य सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।