लखनऊ। अमीनाबाद में हनुमान मंदिर के सामने दुकानों में शनिवार सुबह आग लग गई। इससे करीब आधा दर्जन से ज्याद दुकानों में रखा लाखों का समान जलकर खाक हो गया।
इस बिल्डिंग में बनी 8 अन्य दुकानों में आग की लपटें न पहुंच सके इसके लिए दमकल कर्मियों ने काफी मशक्कत की। करीब पांच घंटे की कड़ी मेहनत के बाद दमकलकर्मियों ने आग को बुझा लिया।
इस हादसे की वजह से आसपास हड़कम्प मच गया। कई व्यापारी मौके पर पहुंच गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हनुमान मंदिर के सामने एक दुकान से सुबह छह बजे धुआं उठता दिखाई पड़ा। कुछ देर में ही आग की लपटें निकलने लगी। यहीं रहने वाले बबलू सरदार ने फायर ब्रिगेड को सुबह सात बजे सूचना दी।
इससे पहले स्थानीय अमीनाबाद पुलिस और नागरिकों ने आग को बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया था। यह बिल्डिंग तीन तरफ से खुली हुई है। इसमें दस दुकाने बनी हैं। आग की लपटे इतनी तेज उठी कि किनारे वाली कपड़ों की दुकान से बढ़ते-बढ़ते आगे-पीछे स्थित दो अन्य दुकानों में भी फैल गई। दुकान के अंदर रखे कपड़े और पीछे स्थित गोदाम का भी सारा सामान खाक हो गया।
पांच घंटे तक बचाव कार्य में जुटे रहे दमकल कर्मी
अमीनाबाद में आग की सूचना मिलते ही दमकल विभाग ने आसपास के सभी फायर स्टेशनों से दमकल वाहन बुला लिए। एफएसओ चौक जितेन्द्र कुमार के मुताबिक हजरतगंज, चौक, आलमबाग, इंदिरानगर, पीजीआई, गोमतीनगर, पीजीआई से बुलवा ली गईं। पांच घंटे तक लगातार बचाव कार्य में लगने के बाद आग पर काबू पाया गया।
दमकल वाहनों का अमीनाबाद में पहुंचना फिर मुश्किल हुआ
विभिन्न फायर स्टेशनों से अमीनाबाद पहुंचने पर दमकल के वाहनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जगह-जगह सड़क को पार कर रहे बिजली के तारों को हटाते हुए दमकल वाहन मौके पर पहुंच सके। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि अगर दिन में यह हादसा हुआ होता तो हनुमान मंदिर तक दमकल वाहन पहुंच ही नहीं पाते।
कपड़ों की दुकानों में लाखों का नुकसान
कोतवाली अमीनाबाद के हनुमान मंदिर के सामने हुई घटना से हड़कंप मच गया। दुकानदार और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में जुट गए। एफएसओ चौक जितेन्द्र कुमार और हजरतगंज चंद्रशेखर यादव ने बताया कि लेखराज एंड कंपनी की दुकान में सुबह आग लगी। उसके बाद उसके बगल में बनी गारमेंट्स की बाम्बे शो रूम और उसके पीछे बने टावल और गाउन के गोदाम में आग फैल गई। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि दूकान में लाखों का सामन भरा हुआ था। शुक्रवार को ही 80 हजार रुपए का सामान लाया गया था। दुकानों के ऊपर स्थित गोदामों में आग नहीं फैलने से और नुकसान होने से बच गया।
फोर्स की कमी नहीं बनी बाधा
अमीनाबाद इंस्पेक्टर विनय कुमार श्रीवास्तव को जैसे ही दुकानों में आग लगने की सूचना मिली वो अपने दो सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे और आला अधिकारियों को जानकारी दी। उन्होंने दुकानदारों के नम्बरों की खोजकर उनको भी मौके पर बुलाया। इतनी देर में वह स्थानीय लोगों की मदद से आग बुझाने के काम में जुट गए।
ढाई साल से बंद गोदाम में कैसे लगी आग?
अमीनाबाद में शनिवार सुबह दुकानों में आग लगने का कारण साफ नहीं हो पा रहा है। अग्निशमन विभाग के अधिकारी आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बता रहे हैं लेकिन जिस दुकान में आग लगने की सूचना सबसे पहले फैली वह ढाई साल से बंद थी। उसमें बिजली कनेक्शन भी नहीं था। ऐसे में यह व्यापारियों के बीच चर्चा का विषय बना रहा कि इस दुकान से कैसे आग फैली। कुछ व्यापारी मकानमालिक और दुकानदारों के बीच विवादों की बातचीत भी करते नजर आए। अमीनाबाद इंस्पेक्टर विनय कुमार श्रीवास्तव भी आग कैसे लगी इसके बारे वो भी पूरी तरह से अनभिज्ञ थे। ये जरूर कहा कि दुकान के बाहर लगे बिजली के तारों को उन्होंने जलते और धुंआ उठते जरूर देखा।