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लखनऊ समेत इन पांच शहरों में स्ट्रीट वेंडरों को जल्द मिलेंगी सभी सुविधाएं

लखनऊ समेत 30 शहरों में फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों (स्ट्रीट वेंडरों) को सभी सुविधाएं देने के लिए अब निश्चिय समय सीमा में व्यवस्था करनी होगी। सरकार ने नगर निकायों को 15 नवंबर तक ‘उप्र पथ विक्रेता नियमावली-2017’ के मुताबिक सभी सुविधाएं मुहैया कराने की डेडलाइन तय कर दी है।

पहले चरण में लखनऊ, वाराणसी, आगरा, कानपुर व इलाहाबाद के लिए पथ विक्रेता प्लान तैयार करने का फैसला किया गया है।केंद्र सरकार ने शहरी क्षेत्र में रेहड़ी व पटरी पर दुकान लगाने वाले वेंडरों की परेशानी दूर करने के लिए ‘पथ विक्रय अधिनियम-2014’ लागू किया था।

प्रदेश सरकार ने भी इसे अपनाते हुए उप्र पथ विक्रेता (जीविका संरक्षण और पथ विक्रय विनिमय) नियमावली को मंजूरी दी। इसे नगर विकास विभाग ने 10 मई 2017 को लागू कर दिया था। लेकिन करीब डेढ़ साल बाद भी लखनऊ समेत 30 शहरों में ‘शहरी पथ विक्रेता प्लान’ नहीं बन पाया और ‘नगर पथ विक्रय समिति’ (टीवीसी) का भी गठन नहीं हुआ। 

खास तौर पर राजधानी लखनऊ में इस नियमावली के मुताबिक कार्रवाई न होना  सरकारी मशीनरी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है। पिछले दिनों दिल्ली में हुई समीक्षा केदौरान  केंद्र सरकार ने लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, आगरा व कानपुर में पथ विक्रेताओं का प्लान तैयार नहीं होने पर सख्त नाराजगी जताई थी। साथ ही निर्देश दिया था कि पहले इन पांच प्रमुख शहरों में यह योजना लागू कराई जाए। इसके बाद निदेशक सूडा उमेश प्रताप सिंह ने राज्य शहरी आजीविका मिशन द्वारा संचालित होने वाली इस नियमावली के मुताबिक काम पूरा करने केलिए समय सीमा तय कर दी है।

यहां देखें, इन निकायों के लिए भी बनेगा प्लान

यानी 15 नवंबर तक इन पांच प्रमुख शहरों के लिए पथ विक्रेता प्लान तैयार किया जाना है। इसके बाद इन शहरों के स्ट्रीट वेंडरों को आए दिन होने वाले उत्पीड़न से जहां मुक्ति मिलेगी, वहीं जनता को अतिक्रमण व जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।

इन निकायों के लिए भी बनेगा प्लान
अयोध्या, सहारनपुर, मेरठ, झांसी, फिरोजाबाद, अलीगढ़, गोरखपुर, गाजियाबाद, लोनी, मुरादाबाद, बरेली, मथुरा-वृंदावन, मुजफ्फरनगर, मऊ, बुलंदशहर, हापुड़, उन्नाव, मिर्जापुर, हरदोई, फतेहपुर, उरई, अमरोहा, शाहजहांपुर, संभल व जौनपुर।

तय समय में पूरे करने होंगे ये काम
 नगर पथ विक्रेता समिति का गठन, समिति को कार्यालय, स्थान व सचिव की व्यवस्था करना। पथ विक्रेताओं की समस्याओं के लिए निवारण समिति का गठन। शहर में वेंडिंग, नॉन वेंडिग जोन का निर्धारण करना। विक्रेताओं का सर्वेक्षण कर उनका पंजीकरण और विक्रय प्रमाण पत्र जारी करना। उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्र के मुताबिक पहचान पत्र जारी करना।

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