लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बुधवार को पत्र लिखकर लोकायुक्त एवं उप-लोकायुक्त के विशेष प्रतिवेदनों पर राज्य सरकार द्वारा हुई तथा प्रस्तावित कार्यवाही के साथ अपना और मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन का स्पष्टीकरण ज्ञापन शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा है।राज्यपाल ने पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम की धारा-12(7) के अंतर्गत अब तक प्रेषित 52 विशेष प्रतिवेदनों पर 31 जुलाई, 2016 तक केवल 2 विशेष प्रतिवेदनों पर राज्य सरकार द्वारा स्पष्टीकरण-ज्ञापन उपलब्ध कराये गये हैं तथा शेष 50 के संबंध में न तो स्पष्टीकरण-ज्ञापन प्राप्त हुआ है और न ही राज्य विधान मण्डल के समक्ष प्रस्तुत किये जाने की सूचना प्राप्त हुई है।श्री नाईक ने अपने पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम 1975 के अंतर्गत लोकायुक्त संस्था मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों तथा लोक-सेवकों द्वारा अपने पद व शक्ति के दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार करने, अवैध सम्पत्ति अर्जित करने, लोक सम्पत्ति को निजी हित में उपयोग लाने की शिकायतों की जांच करने तथा कुशासन समाप्त कर लोक जीवन में शुचिता व सुशासन को सबल बनाने के उद्देश्य से गठित की गयी है। उन्होंने कहा है कि मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों तथा लोक-सेवकों के विरूद्ध भ्रष्टाचार से संबंधित प्राप्त शिकायतों की जांच के उपरान्त लोकायुक्त संस्था द्वारा राज्य सरकार को प्रेषित जांच रिपोर्ट पर लम्बे समय तक कार्यवाही न किये जाने से तथा लोकायुक्त द्वारा राज्यपाल को प्रेषित विशेष प्रतिवेदन पर भी कार्यवाही न किये जाने से उत्तर प्रदेश लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम 1975 एवं इसके अंतर्गत गठित लोकायुक्त संगठन का उद्देश्य ही विफल हो जाता है।
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