नई दिल्ली। शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं। एक ओर जहां विपक्ष सरकार पर टूट पड़ा है वहीं सीएम नीतीश कुमार के सुशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं। बीजेपी के नेता मुखर हो गए हैं ।टीवी रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने बिहार सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि शहाबुद्दीन की रिहाई पर सीएम नीतीश कुमार को बधाई। उन्होंने कहा कि नीतीश जी को इस लिए शुभकामनाएं कि शहाबुद्दीन उनके सुशासन को जन-जन तक पहुंचाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक तरफ शहाबुद्दीन को बाहर किया जा रहा है दूसरी तरफ अनंत सिंह पर सीसीए लगाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। शहाबुद्दीन के बयान पर अभी तक राजद की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव ने शहाबुद्दीन के बयान से किनारा करते हुए डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है। उन्होंने शहाबुद्दीन के बयान की जानकारी से इंकार किया है। अब सबकी निगाहें लालू पर टिकी हैं कि वे क्या कहते हैं।
लोजपा के चिराग पासवान ने पूछा है कि राजद को बताना चाहिए कि असली मुख्यमंत्री कौन है? उन्होंने कहा कि बिहार में खौफ की वापसी हो गई है। सीवान के पूर्व सांसद व बाहुबली मो. शहाबुद्दीन शनिवार को जेल से जमानत पर रिहा हो गए। जेल से बाहर आने के बाद दिए उनके पहले राजनीतिक बयान से विवाद खड़ा हो गया है। शहाबुद्दीन ने ये कहा- जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद शहाबुद्दीन ने कहा कि लालू यादव ही हमारे नेता हैं, जबकि नीतीश कुमार परिस्थितियों की वजह से मुख्यमंत्री बने हैं। भाजपा नेता सुशील मोदी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि मैं उन्हें गंभीरता से नहीं लेता।
जन अधिकार पार्टी सुप्रीमो व मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव ने सरकार और विपक्ष दोनों पर एक साथ निशाना साधा। अपराधियों को पैदा करने व संरक्षण देने में लालू प्रसाद का योगदान कम नहीं रहा है। उन्होंने ने ही शहाबुद्दीन को जेल भेजवाया था। नीतीश कुमार के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं उनपर कोई प्रश्नचिह्न नहीं उठाता। उनसे वैचारिक मतभेद हो सकता है, लेकिन वे स्वीकार्य लीडर तो हैं हीं।