माधुरी दीक्षित हिंदी सिनेमा की ऐसी हीरोइन रही हैं, जिनके आगे हर हीरोइन और हीरो का चार्म फीका पड़ जाता था। उनकी एक्टिंग और अदाएं ऐसी होती थीं कि मन करता बस देखते ही रहें…लेकिन क्या आप जानते हैं कि माधुरी दीक्षित के माता-पिता नहीं चाहते थे कि माधुरी फिल्मों में काम करे?
काफी मशक्कत के बाद माधुरी के माता-पिता को सुरेश वाडकर के रूप में लड़का मिल गया। एक वेबसाइट के मुताबिक, सुरेश वाडकर उस वक्त के उभरते हुए सिंगर थे। माधुरी के माता-पिता ने रिश्ता सुरेश वाडकर के घर भिजवाया, लेकिन सुरेश ने वो रिश्ता करने से मना कर दिया।
माधुरी के माता-पिता चाहते थे कि माधुरी शादी कर लें और अपनी घर-गृहस्थी संभालें और शायद इसीलिए उन्होंने उनके लिए लड़का तलाशना शुरू कर दिया। जिस वक्त माधुरी को अपने करियर पर ध्यान देना चाहिए था उस वक्त उनके माता-पिता उनकी शादी कराने में लगे हुए थे।
सुरेश वाडकर ने यह कहकर माधुरी से शादी करने से इंकार कर दिया कि लड़की बेहद दुबली-पतली है। इस रिश्ते के टूटने से माधुरी के माता-पिता बेहद दुखी हुए..लेकिन कहीं ना कहीं माधुरी इससे बेहद खुश हुई होंगी क्योंकि इसी रिश्ते के टूटने के बाद माधुरी को उनके घरवालों ने फिल्मों में काम करने की इजाजत दी। इसके बाद तो जो हुआ सभी जानते हैं।
माधुरी ने 1984 में आई फिल्म ‘अबोध’ से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया, लेकिन इसके चार साल बाद आई फिल्म ‘तेजाब’ से उन्हें पहचान मिली…और फिर तो माधुरी पीछे मुड़कर ही नहीं देखा।
उन्होंने ‘राम लखन’, ‘परिंदा’, ‘दिल’, ‘साजन’, ‘बेटा’, ‘खलनायक’, ‘हम आपके हैं कौन’, ‘राजा’ और ‘दिल तो पागल है’ जैसी कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं। इन फिल्मों के जरिए माधुरी ने खुद को बॉलीवुड की सुपरस्टार के तौर पर स्थापित कर लिया। उनके डांस और लटकों-झटकों ने भी खूब सराहा गया। आज भले ही वो फिल्मों से दूर हैं लेकिन अभी भी माधुरी का चार्म यूही बरकरार है। फिलहाव वह अपनी एक ऑनलाइन डांस अकेडमी भी चला रही हैं।
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