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सर्जिकल स्ट्राइक पर महागठबंधन के नेताओं के अलग-अलग राग

mahaपटना। सर्जिकल स्ट्राइक मामले में परस्पर वोरोधाभासी बयानों और घटक दलों के अलग अलग रुख के कारण बिहार की सत्तारूढ़ महागठबंधन में दरार की स्थिति उत्पन्न हो गई है। महागठबंधन के घटक दल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने जहाँ सर्जिकल हमले के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का साथ दिया है वहीं राजद और कांग्रेस भाजपा को आड़े हाथों ले रही है।

जद (यू) ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का साथ देते हुए आज रविवार को कहा कि जद (यू) इस विषय पर केन्द्र सरकार के साथ है। जदयू प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने पत्रकारों को कहा कि यह समय सर्जिकल स्ट्राइक पर विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित के मुद्दों पर राजनीति देश हित में उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि जिसके कार्यकाल में ऐसी कार्रवाई होती है, उसका श्रेय सत्ताधारी दल द्वारा लेना स्वाभाविक है। नेताओं को सर्जिकल हमले से संबंधित बयान देने से बचने और ऐसे मामलों में संयम बरतने की सलाह देते हुए श्री सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय भावना का सम्मान करती है और पूरी तरह से साथ खड़ी है।

महागठबंधन के घटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने सर्जिकल हमले पर जदयू के रुख पर आपत्ति प्रकट की और कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है जबकि जदयू एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में अपनी प्रतिक्रिया दे रही है जिसका राष्ट्रीय स्तर पर उतना महत्त्व नहीं है। सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान को सही ठरते हुए श्री चौधरी ने कहा कि देश ने पहले भी सर्जिकल हमला किया है, पर अब्द भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जवानों की सहादत पर भी राजनीति कर रही है।

इधर महागठबंधन के बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया है । राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया है कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए भगवा दल भारतीय सेना की ओर से हाल ही में पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में किये गये सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। सेना का सर्जिकल स्ट्राइक भारत के लिए कोई नई बात नहीं है।

उन्होंने दावा किया कि पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में भी ऐसे सात-आठ आपरेशनस् हुए थे जिसका उस समय की सरकार ने राजनैतिक लाभ के लिए कोई श्रेय नहीं लिया था। उन्होंने कहा कि सफल सर्जिकल स्ट्राइक का सारा श्रेय भारतीय सेना को ही जाता है। सर्जिकल स्ट्राइक पर हो रही राजनीति का भारतीय सेना के मनोबल पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय सेना का मनोबल पहले से ही उंचा है और ऐसी राजनीति उन्हें प्रभावित नहीं करती। अपने उंचे मनोबल के बदौलत ही भारतीय सेना ने 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में सफलता पाई थी।

इस बीच पाकिस्तान में अपनी छाप छोड़ चुके राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जिन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना की ओर से हाल ही में की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर चल रही राजनैतिक उठा-पठक और बयानबाजी से श्री यादव ने दूरी बना रखी थी, पर अब कहा कि सत्ता हो या विपक्ष, सेना के नाम पर किसी को भी राजनीति नहीं करनी चाहिए। सेना पर किसी भी तरह का शक अनुचित है। भारतीय सेना को सैल्यूट करते हुए उन्होंने पाकिस्तान को कड़े इंजेक्शन लगाने की आवश्यकता बताई। हालाँकि श्री यादव ने राहुल गांधी के सेना और उसके खून से संबंधित बयान पर कहा कि राहुल अपनी बात ठीक से नहीं रख पाये।

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