मुंबई । बैंक साइबर चुनौतियों के बढ़ते खतरे के बीच अब साइबर बीमा पर गौर कर रहे हैं। यह बात ऐसे समय सामने आई है जब सरकार और नियामक बैंकों में नोटबंदी के बीच डिजिटलीकरण पर जोर दे रहे हैं।
एक अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 में साइबर अपराधों से 4 अरब डॉलर का नुकसान हुआ जबकि वैश्विक स्तर पर साइबर अपराधों के कारण नुकसान 2016 में 45.5 अरब डॉलर रहा।
इंश्योरेंस इंडस्ट्री की रिपोर्ट के अनुसार साइबर अपराधों में सालाना 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। इसी प्रकार, वैश्विक साइबर जोखिम बीमा प्रीमियम 2016 में 3.5 अरब डॉलर रहा जो 2015 में केवल 2.5 अरब डालर था।
यह इस बात का संकेत है कि दुनिया भर में साइबर अपराध के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। पिछले साल साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुआ देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई अब अपने 30 करोड़ से अधिक ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिये बीमा पर विचार कर रहा है।
एसबीआई के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा, ‘हम अपने ग्राहकों के लिये साइबर बीमा लेने पर गौर कर रहे हैं। हम पहले ही बैंक के बीमा सलाहकारों के पैनल मे शामिल एक कंपनी से इस संदर्भ में रिपोर्ट तैयार करने को कह चुके हैं।’
इसी प्रकार, बैंक आफ बड़ौदा भी भविष्य में इस प्रकार के बीमा कवर लेने को लेकर गंभीर हैं, बैंक के करीब एक लाख डेबिट कार्ड में सेंध लगने की बात सामने आ चुकी है।