प्रदेश के औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थापित किए जाने वाले डिफेंस कारीडोर की गतिविधियों में तेजी आई है। रक्षा और प्रतिरक्षा उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए कानपुर में तीन दिन तक रक्षा उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
इसमें रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, तीनों सेनाओं के प्रमुख, रक्षा उत्पादन सचिव व प्रदेश के मुख्यमंत्री तक शामिल होंगे। कार्यक्रम का आयोजन 16, 17, 18 अक्तूबर को चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में होगा।
उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरीडोर के काम को आगे बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को अधिकृत विभाग बनाया गया है। इसके अलावा केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार ने डिफेंस कॉरीडोर की गतिविधियों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन को भी सौंपी है।
सीएसए विश्वविद्यालय
संगठन अब तक आगरा, लखनऊ, कानपुर और अलीगढ़ में तीनों सेनाओं, आर्डनेंस फैक्ट्रियों, रक्षा क्षेत्र की निजी कंपनियों के बीच समन्वय स्थापित करवाकर आयोजन करवा चुका है। इसी कड़ी में शहर में तीन दिन तक ऐसे उत्पादों की प्रदर्शनी लगेगी जो विदेश से आयात किए जाते हैं। इसमें घरेलू निजी कंपनियों, छोटे उद्यमियों को जानकारी दी जाएगी कि वे क्या क्या बना सकते हैं।
आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य बताते हैं कि डिफेंस उपकरणों एवं उनके कलपुर्जों का स्वदेशीकरण करने का व्यापक बाजार है। यूपी के उद्यमियों को इस फील्ड में हाथ आजमाना चाहिए। यह रोजगार के नए अवसर खोलेगा।
सरकार भी चाहती है कि रक्षा और प्रतिरक्षा उपकरणों एवं वस्तुओं का उत्पादन उत्तर प्रदेश में हो। इस प्रदर्शनी में मेटल कॉस्टिंग, प्रोसेसिंग, मशीनिंग, सीट मेटल, फेब्रिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक, प्लास्टिक मोल्टेड, कम्पोनेंट एवं टेक्सटाइल सहित विभिन्न प्रकार के डिफेंस उत्पादों की आपूर्ति करने के इच्छुक उद्यमी भी इसमें हिस्सा ले सकते हैं।