सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संसद में राफेल सौदे पर जमकर हंगामा हुआ। आखिरकार लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया। बता दें कि कांग्रेस सांसद सुनील जाखड़ ने राफेल सौदे को लेकर सदन में कार्यस्थगन का प्रस्ताव दिया हुआ है। 
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा, कांग्रेस पर आक्रामक हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने सदन में सरकार को बदनाम करने की कोशिश की है, ऐसे में उन्हें सदन में आकर ही माफी मांगनी चाहिए। गृह मंत्री ने कहा, ‘उन्होंने सोचा था कि हम तो डूबे हैं सनम तु्म्हें भी ले डूबेंगे।’
कांग्रेस की सफाई, जेपीसी की मांग जारी रहेगी
दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सफाई पेश की है। कांग्रेस का कहना है कि कोर्ट ने साफ कहा है कि वे सरकार के अधीन इस मामले में दखल नहीं दे सकते। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि कोर्ट ने पार्टी जेपीसी जांच की मांग जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने इस मामले में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर टिप्पणी की है।
गुरुवार को भी हंगामे के कारण स्थगित करनी पड़ी कार्यवाही
गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को भी संसद का दोनों सदन विपक्षी सदस्यों के हंगामे का गवाह बना। विपक्षी पार्टियों ने राफेल जेट सौदे में भ्रष्टाचार और कावेरी जैसे मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया था। यहां तक कि भाजपा की सहयोगी शिवसेना भी पीछे नहीं रही। पार्टी ने आयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। विपक्षी दलों के इस रुख के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। गुरुवार को शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन था।
पहले दिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार और कुछ अन्य दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद दोनों सदनों का कामकाज स्थगित कर दिया गया था। बुधवार को लोकसभा में कोई काम नहीं हो पाया था, लेकिन राज्यसभा में हंगामे के बीच एक विधेयक पारित हुआ था।
गुरुवार को राज्यसभा में कोई काम नहीं हुआ और कार्यवाही स्थगित कर दी गई। 17 साल पहले संसद पर हुए आतंकी हमले में अपनी जान देने वाले नौ लोगों को श्रद्धांजलि देने के तुरंत बाद ही अन्नाद्रमुक और द्रमुक के सदस्य कावेरी जल के मुद्दे पर प्रदर्शन करने के लिए वेल में आ गए। अनुरोध का असर नहीं होने के बाद सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान दो बार कार्यवाही स्थगित हुई। शून्यकाल में केवल दो सदस्यों को ही बोलने का मौका मिला। इसके बाद कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई
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