नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्य को नीति संचालित होना चाहिए और यह व्यक्ति की मर्जी पर आधारित नहीं होना चाहिए। हमारा प्रयास सभी चीजों को नीति संचालित बनाना ।
भ्रष्टाचार निरोध पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आधार और अन्य सूचना प्रौद्योगिकी आधारित एेप्लिकेशन के इस्तेमाल पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम नियम बनाते हैं और अगर इसमें कोई अस्पष्टता है, जो लोगों के हस्तक्षेप के लिए खुली तो यह भ्रष्टाचार के द्वार खोलता है। इसलिए राज्य को नीति संचालित होना चाहिए। यह व्यक्ति की मर्जी से नहीं चलना चाहिए।
अगर राज्य नीति संचालित है तो अगर-मगर पर पाबंदी होगी। यदि कोई अगर-मगर नहीं है तो भेदभाव के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर सरकार नीति संचालित राज्य पर जोर देती है तो व्यक्ति विशेष द्वारा व्याख्या किए जाने की काफी कम गुंजाइश रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘विधि, नियम और व्यवस्था खुद अपने लिए बोलेंगे।
व्यक्ति जिस चीज का हकदार होगा, उसे वह मिलेगा। इसलिए हमारा प्रयास सभी चीजों को नीति संचालित बनाने का है और लिखित रूप में होने की वजह से ‘कोई भी कुछ भी इधर का उधर’ नहीं कर सकेगा।’’
सरकारी विभागों को अपने परामर्श में मोदी ने कहा कि किसी भी शासन से संबंधित मामले पर कानून का मसौदा तैयार करने के दौरान लोगों को अवश्य शामिल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘कानून बनाने के दौरान अगर हम कई दिमागों का इस्तेमाल करते हैं तो कानून अच्छा बनेगा। इस मामले में गोपनीयता नहीं होनी चाहिए।’’
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