खुदरा महंगाई के मोर्चे पर राहत मिलने के बाद अब थोक महंगाई (डब्ल्यूपीआई) के मामले में भी राहत मिली है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर महीने में थोक महंगाई दर 4.4 फीसद रही है। पिछले महीने यह 5.28 फीसद रही थी।
अगस्त के बाद से यह थोक महंगाई में सबसे बड़ी राहत है। इस साल अगस्त में थोक महंगाई दर 4.62 फीसद रही थी।
इससे पहले खाने पीने की की कीमतों में गिरावट के कारण खुदरा महंगाई दर में भी गिरावट आ चुकी है। नवंबर में खुदरा महंगाई दर 2.33 फीसदी रही, जबकि अक्टूबर में यह 3.38 फीसदी और सितंबर में 3.77 फीसदी रही थी। जुलाई 2017 के बाद महंगाई दर का यह सबसे निचला स्तर है।
महंगाई के मोर्चे पर राहत मिलने के बाद अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद की जा रही है।
महंगाई में राहत मिलने के साथ ही ग्रोथ के मोर्चे पर भी स्थिति संतोषजनक रही है। इससे पहले आए आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में आईआईपी ग्रोथ अगस्त के मुकाबले 4.5 फीसद रही। अगस्त में यह 4.3 फीसद रही थी। मासिक आधार पर सितंबर में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ -0.4 फीसद से बढ़कर 0.2 फीसद, मैन्युफैक्चरिंग की ग्रोथ 4.6 फीसद पर, इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ 7.6 फीसद से बढ़कर 8.2 फीसद और कैपिटल गुड्स की ग्रोथ 5 फीसद से बढ़कर 5.8 फीसद रही।
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