नई दिल्ली। अमेरिका ने भारत से अपील की है कि वो अफगानिस्तान को मजबूत करने के लिए आर्मी से जुड़ी ज्यादा मदद दे। अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी फोर्स के कमांडर जनरल जॉन निकोलसन इंडिया विजिट पर हैं। बुधवार को उन्होंने एनएसए अजीत डोभाल, फॉरेन सेक्रेटरी एस. जयशंकर और डिफेंस सेक्रेटरी मोहन कुमार से मुलाकात की। बाद में मीडिया से बातचीत में निकोलसन ने कहा कि तालिबान के आतंकियों पर प्रेशर बढ़ा तो वे अब आईएस मे शामिल होने लगे हैं। निकोलसन ने कहा कि भारत ने चार एमआई-25 अटैक हेलिकॉप्टर्स अफगानिस्तान को दिए हैं। लेकिन उनको इससे ज्यादा और जल्दी मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एमआई हेलिकॉप्टर्स के पार्ट्स रूस में बनते हैं। अमेरिका समेत कई देशों ने रूस पर कुछ प्रतिबंध लगा रखे हैं। इस वजह से रूस ये पार्ट्स अफगानिस्तान को नहीं देगा। लेकिन रूस और भारत के रिश्ते बहुत अच्छे हैं। भारत चाहे तो रूस से ये पार्ट्स लेकर अफगानिस्तान को दे सकता है। निकोलसन ने इशारों-इशारों में माना कि अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी से पाकिस्तान को दिक्कत है। हालांकि उन्होंने कहा कि ये जंग आतंकवाद के खिलाफ है और भारत-पाकिस्तान को इसमें साथ आना चाहिए। जनरल ने कहा- लश्कर-ए-तैयबा बना तो अफगानिस्तान के कुनार में था लेकिन ये ऑपरेट पाकिस्तान से करता है। हम चाहते हैं कि आतंकियों की हर पनाहगाह को खत्म किया जाए। लश्कर को पाकिस्तान की मदद मिलती है। पेंटागन द्वारा पाकिस्तान को 300 मिलियन डॉलर की मिलिट्री ऐड रोके जाने पर उन्होंने कहा कि हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान ने खत्म नहीं किया है। जॉन ने कहा- तालिबान सरगना मुल्ला मंसूर के मारे जाने के बाद तालिबान फंड की कमी से जूझ रहा है। मंसूर ही वो शख्स था जिसे विदेश से मिलने वाले पैसे और बाकी अकाउंट्स की जानकारी थी। उन्होंने कहा- मंसूर के मारे जाने के बाद तालिबान के किसी और लीडर के पास फंड जुटाने की काबिलियत नहीं बची। यही वजह है कि अब तालिबानी आतंकी आईएस में शामिल होने लगे हैं। निकोलसन के मुताबिक- तालिबान का इलाका कम होता जा रहा है।
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